MP NEWS: देशभर में इस समय कई स्थानों पर मंदिर होने के दावे किए जा रहे हैं. इस बीच मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में अनोखा मामला सामने आया है. जहां हिन्दू धर्म के ही मानने वाले एक किसान ने अपनी जमीन पर बन रहे राम मंदिर को हटाने की गुहार जिला प्रशासन से लगाई है. इतना ही नहीं, इस गुहार को लगाने के लिए किसान जमीन पर लेटते हुए, सीने से संविधान की किताब लगाए जिला कलेक्टर कार्यालय में चल रही जनसुनवाई में पहुंचा.
पीड़ित किसान का कहना है कि कुछ ग्रामीण उसकी जमीन पर अवैध कब्जा कर मंदिर का निर्माण कर रहे हैं, जिसे तत्काल रोका जाए, और उसकी जमीन को कब्जा मुक्त किया जाए. वहीं इस मामले में खंडवा एडीएम का कहना है कि, उन्होंने ग्रामीणों से पूछताछ की है, जिसमें बताया गया है कि, वह मंदिर करीब 50 से 60 साल पुराना है, और इसलिए वह हटाया नहीं जा सकता. अब उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था तलाशी जाएगी.
प्रशासन का चक्कर काट रहा है किसान
खंडवा जिले के ग्राम सहेजला का एक किसान बीते कई दिनों से अपनी जमीन पर चल रहे मंदिर के निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए प्रशासन के चक्कर काट रहा है. इसको लेकर पहले जहां किसान का बेटा श्याम पिता रमेश कीचड़ में लोट लगाते हुए जनसुनवाई में पहुंचा था. वहीं आज मंगलवार को हो रही जनसुनवाई में बुजुर्ग किसान रमेश पिता रामाधार लेटते हुए संविधान की किताब को सीने से लगाए, जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. इसके बाद खंडवा एसडीएम बजरंग सिंह बहादुर ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर ही किसान और उसके परिजनों को समझाइश दी और आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा, जिसके बाद किसान वापस लौट गया .
किसान ने लगाए ये आरोप
इस दौरान किसान के पुत्र श्याम ने बताया कि उनकी मिल्कियत एवं कब्जे की लगभग 10 डिसमिल जमीन है, जिसका नया खसरा नंबर 343 है और वह उनके पिता के नाम से भूस्वामी हक में दर्ज है. लेकिन उस जमीन पर गांव के ही गोपाल पिता गुलाबसिंग, महेन्द्र पिता झबरंसिंग, श्याम पिता देवेसिंग, जयंत पिता दर्शनसिंग और योगेश पिता किशन पालीवाल ने जबरदस्ती अवैध कब्जा कर वहां एक मंदिर का निर्माण कर अवैद्ध कब्जा कर लिया है. ये सभी राजनीतिक प्रभावशील व्यक्ति हैं. उनके साथ आये दिन गाली गलोच कर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. उनके द्वारा इस जमीन को लेकर बंदोबस्त वर्ष 1985-86 के दरमियान के समय, रकबे एवं खसरा नंबर मे हुई त्रुटि को लेकर एसडीएम को रिकॉर्ड दुरूस्ती का प्रकरण भी लगा रखा है. इसलिए उस जमीन पर किये जा रहे मंदिर के निर्माण कार्य को तत्काल रोकने का आदेश दिया जाए, क्योंकि निर्माण हो जाने से विवाद की स्थिति निर्मित होगी, ओर भविष्य में कोई बड़ी घटना ही सकती है.
क्या बोले एडीएम?
इधर इस मामले में खंडवा एडीएम केआर बडोले ने बताया कि जो फरियादी आया था उसके पास पुरानी रजिस्ट्री है, और वह आबादी भूमि का मामला है. उसके द्वारा गांव के मंदिर को हटवाने की बात की जा रही है. जबकि इसको लेकर गांव के लोग भी आए थे और उन्होंने बताया था कि मंदिर कम से कम 60-70 साल पुराना है. ऐसे में एसडीएम दोनों पक्षों की बात सुन रहे हैं, जिसके बाद नियम अनुसार आदेश पारित किया जाएगा. चूंकि मंदिर है, और इतना पुराना मंदिर है, तो उसको हटाया नहीं जा सकता. इसलिए जो भी कुछ वैकल्पिक व्यवस्था होगी वह की जाएगी.
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