Kanker News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में शिक्षकों की कमी बच्चों के भविष्य के बीच दीवार बन कर खड़ी हो गई है. जिले के 174 स्कूल एकल शिक्षक की बदौलत संचालित हो रहे हैं. यहां शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों का भविष्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. इसका असर पाठ्यक्रम की पढ़ाई पर भी पड़ता नजर आ रहा है. जबकि नए शिक्षण सत्र को शुरू हुए 7 माह का वक्त बीत चुका है.
दरअसल, कांकेर जिले में 1051 प्राथमिक स्कूल हैं. इन स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं. लेकिन इन 1051 स्कूलों में से 174 स्कूलों में एकल शिक्षक मौजूद हैं, जो रोजाना पहुंच कर बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. इस लेकर NDTV की टीम ने जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्राम कुम्हारपारा बागडोंगरी का स्कूल का निरीक्षण किया. यहां तकरीबन 18 बच्चे पढ़ाई करते हैं. जिसमें कक्षा पहली के 1, दूसरी के 3, तीसरी के 3, चौथी के 3 और पांचवी के 5 बच्चे पढ़ाई करते हैं. इनके लिए केवल एक शिक्षक हैं. यहां शिक्षक के रूप में डी आर साहू 12 साल से सेवा दे रहे हैं.
शिक्षक की कमी के कारण असुविधा
शिक्षक ने बताया कि वह इस स्कूल में लंबे समय से सेवा दे रहे हैं. शिक्षक की कमी के कारण असुविधा हो रही है. बच्चों को काम देकर अन्य कक्षाओं के बच्चों पढ़ाने जाना पड़ता है. वार्ड पंच और ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक की कमी के कारण बच्चों का भविष्य मजबूत नजर नहीं आ रहा है. इस संबंध में कई बार मांग की गई लेकिन शासन प्रशासन ने उनकी अब तक नहीं सुनी है, जिसके कारण बच्चों की ठीक तरह से पढ़ाई नही हो पा रही है.
होगी अतिथि शिक्षकों की भर्ती
जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल इस बात को स्वीकार किया कि जिले के 174 स्कूलों में एकल शिक्षक की बदौलत बच्चों की पढ़ाई चल रही है. उन्होंने इस कमी को जिसे दूर करने के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर इसे दूर करने प्रयास किये जाने की बात कही है.
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