MP Politics : कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) बीते कुछ समय से राजनीतिक तौर पर कम सक्रिय हैं मगर अब उनके फिर से राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने के आसार बन रहे हैं. यह अनुमान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से उनकी दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद लगाए जा रहे हैं. मालूम हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने साल 2018 में राष्ट्रीय राजनीति से मध्य प्रदेश की ओर रुख किया था. उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी. कांग्रेस सत्ता में महज 15 महीने ही रही.... फिर आपसी खींचतान के चलते सत्ता हाथ से खिसक गई और भाजपा (BJP) की फिर सत्ता में वापसी हो गई. उसके बाद से कमलनाथ का दायरा लगातार सिमटता गया. मौजूदा समय में उनकी ज्यादा सक्रियता छिंदवाड़ा (Chhindwara) तक सीमित है.
हरियाणा और J&K के चुनावों में नहीं नज़र आए कमलनाथ
कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (Nakul Nath) छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं. वहीं उनके करीबी अमरवाड़ा (Amarwada) से विधायक रहे कमलेश शाह (Kamlesh Shah) ने कांग्रेस छोड़कर BJP का दामन थाम लिया. अभी हाल ही में हुए हरियाणा (Haryana Elections) और जम्मू कश्मीर विधानसभा (J&K Elections) के चुनाव में पार्टी ने कमलनाथ का राजनीतिक तौर पर कोई इस्तेमाल नहीं किया. आगामी समय में महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly Elections) और झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly Elections) के अलावा उप चुनाव भी होने वाले हैं.
बीते दिन राहुल गांधी और कमलनाथ की दिल्ली में हुई मुलाकात
मध्य प्रदेश के दो विधानसभा क्षेत्र बुधनी (Budhani) और विजयपुर (Vijaypur) में उपचुनाव (By Elections News) होना है. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कमलनाथ के दिल्ली (Delhi) स्थित आवास पर पहुंचकर उनसे न केवल मुलाकात की बल्कि दो घंटे तक दोनों साथ भी रहे. इस मुलाकात को राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
महाराष्ट्र चुनावों में कमलनाथ को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
राजनीति के जानकारों का मानना है कि कमलनाथ का छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र महाराष्ट्र की सीमा से लगा हुआ है और वहां के कई इलाकों में कमलनाथ का प्रभाव है और सियासी तौर पर दखलअंदाजी भी है. इतना ही नहीं महाराष्ट्र के व्यावसायिक घरानों से भी कमलनाथ की नजदीकियां है. कांग्रेस महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के प्रभाव का उपयोग करना चाहती है और इसलिए राहुल गांधी ने उनसे लंबी चर्चा की है.
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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर क्या है संभावना ?
राहुल गांधी और कमलनाथ की इस मुलाकात ने सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी है. साथ ही यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि कमलनाथ की राष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर सक्रियता बढ़ेगी और आगामी चुनाव में वह बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश से ही नाता रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को पार्टी ने पूरी तरह किनारे कर दिया है और पार्टी ने उनका न तो जम्मू कश्मीर व हरियाणा के चुनाव में कोई उपयोग किया गया और अब संभावना यही है कि झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव में भी पार्टी उन्हें दूर ही रखने वाली है.
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