Sihora Protest News: सिहोरा को जिला घोषित किए जाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है. लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के नेतृत्व में चल रहे भूमि समाधि सत्याग्रह अब जन आंदोलन का रूप ले रहा है. इस अनोखे विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोग अपने शरीर को गर्दन तक मिट्टी में गाड़कर प्रशासन और सरकार से सिहोरा को जिला घोषित करने की मांग कर रहे हैं. आंदोलन समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि यह संघर्ष पूरी तरह लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है. जब तक सिहोरा को जिला घोषित नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा.
प्रशासन ने भरे गड्ढे, पर नहीं रुका आंदोलन
जानकारी के अनुसार, शनिवार को सत्याग्रह के लिए तैयार किए गए गड्ढों को प्रशासन ने भरवा दिया था, जिससे आंदोलनकारियों में नाराजगी फैल गई. हालांकि समिति ने तुरंत नया स्थान तय कर पुनः सत्याग्रह शुरू करने की घोषणा की. पादाधिकारियों ने कहा कि 'हमारा आंदोलन किसी भी स्थिति में रद्द नहीं होगा, चाहे प्रशासन कितनी भी बाधाएं खड़ी करे'.
'जनता के धैर्य की अब परीक्षा ना ली जाए'
जिला आंदोलन समिति के संयोजक विकास दुबे ने कहा कि सिहोरा की जनता पिछले कई वर्षों से जिला दर्जे की मांग कर रही है. यह आंदोलन जनता की आवाज है, कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं. उन्होंने कहा, 'हमारा धैर्य जवाब दे रहा है. सरकार को अब जनता की भावना समझनी चाहिए और सिहोरा को जिला घोषित करने का निर्णय शीघ्र लेना चाहिए'.
जन समर्थन बढ़ा, आंदोलन स्थल पर भीड़
भूमि समाधि सत्याग्रह को क्षेत्र के नागरिकों, व्यापारी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं का भी समर्थन मिल रहा है. लगातार बढ़ती भीड़ से आंदोलन स्थल पर माहौल और जोशपूर्ण हो गया है. लोग सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं और प्रदेश सरकार से जल्द निर्णय की अपेक्षा जता रहे हैं. आंदोलन समिति ने कहा कि यह लड़ाई केवल सिहोरा की नहीं, बल्कि उन ग्रामीण अंचलों की आवाज है जो प्रशासनिक सुविधाओं से वंचित हैं. सिहोरा का भौगोलिक, जनसंख्या और राजस्व आधार जिला बनने के सभी मापदंडों को पूरा करता है.
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