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MP News: स्कूल के कमरे की छत गिरने से बाल-बाल बचे छात्र, कुछ मिनट पहले न निकलते तो हो सकता था बड़ा हादसा

Jabalpur News: दिव्यांग नेत्रहीन छात्रों स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे. इसी दौरान हास्टल की सेकेंड फ्लोर के रूम नंबर 24 की छत का एक बड़ा हिस्सा पलंग के उपर गिर गया.

MP News: स्कूल के कमरे की छत गिरने से बाल-बाल बचे छात्र, कुछ मिनट पहले न निकलते तो हो सकता था बड़ा हादसा
Jabalpur News: सरकारी लापरवाही से छात्रों की जान आई खतरे में

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) के शासकीय नेत्रहीन स्कूल में स्कूल प्रशासन की लापरवाही से कई बच्चों की जान खतरे में पड़ गई. इस स्कूल में छात्रों के कमरे की छत का बड़ा हिस्सा गिर गया. वो तो गनीमत रही कि कुछ देर पहले ही छात्र वहां से बाहर आ गए थे. शासकीय लापरवाही से कई छात्रों की जान जाते- जाते बची. अगर हादसे के समय छात्र कमरे में होते तो कुछ भी हो सकता था.

स्कूल के कमरे की छत गिरने से बाल- बाल बचे छात्र

स्कूल के कमरे की छत गिरने से बाल- बाल बचे छात्र

चंद मिनट पहले ही निकले थे कमरे से बाहर

बताया जा रहा है कि अंधमूक बाईपास के पास स्थित शासकीय नेत्रहीन स्कूल की छत का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया. ये घटना उस समय की है जब बच्चे चंद मिनट पहले ही कमरे से बाहर निकले थे. इस घटना के बाद ब्लाइंड बच्चें इस कदर दहशत में आ गए कि छात्र स्कूल से बाहर निकल आए.  इस घटना को स्कूल प्रबंधन दबाने में जुटा हुआ है. जिससे उसकी लापरवाही जनता के सामने न आ पाए. इस नेत्रहीन स्कूल में करीब सौ से ज्यादा छात्र रहते हैं.

सभी छात्रों के अंदर बैठ गई है दहशत

दिव्यांग नेत्रहीन छात्रों स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे. इसी दौरान हास्टल की सेकेंड फ्लोर के रूम नंबर 24 की छत का एक बड़ा हिस्सा पलंग के उपर गिर गया. इस घटना के कुछ मिनट पहले ही रूम के 6 छात्र स्कूल जाने के लिए बाहर निकले थे. छत के गिरने की आवाज से सभी में दहशत बैठ गई है.

दिव्यांग नेत्रहीन छात्रों ने बताया कि स्कूल का भवन कई साल से जर्जर हालत में है. इसके लिए कई बार अधिकारियों से शिकायत भी जा चुकी है पर इसका कोई समाधान नहीं हुआ.अधिकारियों ने बात टालने के लिए स्कूल को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की बात भी की है, लेकिन इस संदर्भ में कोई संज्ञान नहीं लिया गया. जिसके चलते छात्रों को जर्जर भवन में रहना पड़ रहा है

जानिए क्या कहा प्रभारी प्रचार्य ने...

नेत्रहीन स्कूल में क्लास पहली से आठवीं तक के 45 और नवमीं से बारहवीं तक के 55 छात्र है, जो कि तीन मंजिला बिल्डिंग में रहते हैं. बताया जा रहा है कि जब तेज बारिश होती है, तो पूरी बिल्डिंग से पानी गिरने लगता है. प्रशासन बीते दो सालों से जर्जर भवन को खाली करने के लिए लगा है पर उन्हें नई जगह शिफ्ट करने को भी तैयार नहीं है. इस बारे में प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि बड़ा हादसा टल गया है, हमें नई बिल्डिंग की आवश्यकता है. जिसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को बिल्डिंग की जर्जर स्थिति के बारे में अवगत करा दिया गया है. 

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