
International Women's Day : एमपी के अधिकांश जिलों में महिलाओं के जीवन यापन के लिए पर्यटन क्षेत्र रोजगार का मुख्य साधन बनकर उभर रहा है. ग्रामीण पर्यटन से लेकर होटल प्रबंधन और हस्तशिल्प कला तक, मध्य प्रदेश की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का उपयोग कर रोजगार भी पा रही हैं. पर्यटन बढ़ाने के महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रही है.छिंदवाड़ा के ‘ ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम' पर्यटन ग्राम सावरवानी में ग्रामीण महिलाएं, पर्यटकों को 1,350 किलो घी बेचकर करीब 11 लाख रुपये कमाकर आर्थिक रूप से सशक्त हुई.
ग्रामीण होमस्टे की सफलता की कहानी

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित ग्रामीण होम स्टे योजना महिलाओं के लिए स्वरोजगार के नये-नये अवसर प्रदान कर रहा है. होमस्टे में ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित मिट्टी के होमस्टे और उनकी खूबसूरत हस्तकला पेंटिंग को पर्यटकों के द्वारा लगातार सराहा जा रहा है एवं होमस्टे ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के मुख्य कारण भी बन कर उभर रहा है.
महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन परियोजना के तहत, 8,300 से अधिक महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण और 50 विभिन्न पर्यटक स्थल पर 36,000 से अधिक महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया गया. इसी कड़ी में 5000 से अधिक महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराये, जिसमे जिप्सी चालक और नाव चालक का प्रशिक्षण शामिल है.
चंदेरी में हैंडलूम कैफे, अमरकंटक में महिला संचालित होटल 'अमरलतास'
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने राज्य का पहला महिला संचालित हैंडलूम कैफे शुरू किया है. अशोकनगर जिले के प्राणपुर गांव में स्थित यह कैफे स्थानीय महिला कारीगरों को सशक्त बनाने और क्षेत्र की समृद्ध कपड़ा विरासत को प्रदर्शित करने का एक अनूठा प्रयास है.
कैफे में महिलाएं फ्रंट ऑफिस प्रबंधन, पाक कला, नकदी प्रबंधन और सुरक्षा प्रबंधन जैसे सभी परिचालन कार्य संभालती हैं. पचमढ़ी में राज्य का पहला महिला संचालित होटल 'अमरलतास' भी मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा शुरू किया है. यह पहल पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करती है.
'महिलाएं नए आयाम स्थापित कर रही हैं'
इस मौके पर प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि “नारी सिर्फ प्रेरणा नहीं, परिवर्तन की पहचान है। पर्यटन के क्षेत्र में महिलाएं अपनी क्षमताओं से नए आयाम स्थापित कर रही हैं, जिससे न केवल उनका आत्मनिर्भरता बढ़ रही है, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था भी सशक्त हो रही है।”
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GIS में दिखा महिला सशक्तिकरण का उदाहरण
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा 24 से अधिक आर्ट व क्राफ्ट के लोकल सोवेनियर तैयार किये जा रहे है. उन्ही में से ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान, मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत और कला को प्रदर्शित करने वाले स्मृति चिन्ह, बैग के स्वरूप में वितरित किए गए. ये बैग मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा शुरू की गई सेफ टूरिज्म डेस्टिनेशन के तहत प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा बनाए गए थे.
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