indore metro underground route: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. इंदौर शहर के सबसे व्यस्त और सघन आवासीय-वाणिज्यिक क्षेत्रों से गुजरने वाले 3.30 किलोमीटर लंबे मेट्रो मार्ग को अब सड़क के ऊपर नहीं, बल्कि जमीन के अंदर बनाया जाएगा.
रविवार को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ लंबी समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बदलाव से मेट्रो परियोजना की लागत में करीब 800 से 900 करोड़ रुपये का इजाफा होगा, लेकिन इसका पूरा भार राज्य सरकार उठाएगी.
खजराना चौराहे से रेलवे स्टेशन के बीच अब भूमिगत मेट्रो
अधिकारियों के अनुसार, खजराना चौराहे से रेलवे स्टेशन के बीच पहले एलिवेटेड मेट्रो लाइन प्रस्तावित थी, लेकिन क्षेत्र में घनी आबादी, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और लोगों के विरोध को देखते हुए अब इसे भूमिगत करने का फैसला लिया गया है.
इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का दायरा बढ़ेगा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह निर्णय बेहतर यातायात प्रबंधन, जनता की सुविधा और शहर की सुंदरता को ध्यान में रखकर लिया गया है. बैठक में यह भी तय हुआ कि प्रस्तावित इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का दायरा बढ़ाकर पश्चिमी मध्यप्रदेश के 14 हजार वर्ग किलोमीटर तक किया जाएगा. इसमें इंदौर के साथ-साथ उज्जैन, देवास, धार, रतलाम और शाजापुर जिलों के हिस्से शामिल होंगे.
महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (MYH) के नए भवन की नींव रखी
मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र को व्यापार, उद्योग और पर्यटन का बड़ा राष्ट्रीय केंद्र बनाया जाएगा. इसी दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शामिल महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (MYH) के नए भवन की नींव भी रखी. 773 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस भवन में 1,450 बिस्तरों की सुविधा होगी.
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