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GST का यह भ्रष्ट अफसर वसूल रहा था इतने हजार की रिश्वत, तभी लोकायुक्त ने धर दबोचा

GST Inspector Corruption: खंडवा शहर में इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्थानीय केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर तथा उत्पाद शुल्क (CGST) कार्यालय के सहायक आयुक्त प्रभाग खंडवा के सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी को 20 हजार रुपये  की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया .

GST का यह भ्रष्ट अफसर वसूल रहा था इतने हजार की रिश्वत, तभी लोकायुक्त ने धर दबोचा

GSTt News Latest Update: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandwa) शहर में शुक्रवार दोपहर लोकायुक्त पुलिस इंदौर लोकायुक्त पुलिस (Indore Lokayukta Police) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जीएसटी (GST) के एक बड़े अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया.  आरोप है कि यह रिश्वतखोर अफसर निमाड़ सहित आसपास के क्षेत्र के व्यापारियों को लगातार कई दिनों से जीएसटी के रजिस्ट्रेशन या जीएसटी से जुड़े दूसरे नियम संगत कार्यों के लिए भी रिश्वत के लिए परेशान  कर रहा था . इसी बीच निमाड़ के खरगोन जिले के सनावद की एक अकाउंट कंसल्टेंसी फर्म से जुड़े एक व्यापारी के जीएसटी रेवोकेशन को लेकर इस रिश्वतखोर अधिकारी ने 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की . इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत लोकायुक्त इंदौर से की. इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाकर इस भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों दबोच लिया. 

काम के लिए मांगता था पैसे

खंडवा शहर में इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्थानीय केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर तथा उत्पाद शुल्क (CGST) कार्यालय के सहायक आयुक्त प्रभाग खंडवा के सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी को 20 हजार रुपये  की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया . दरअसल, खरगोन जिले के सनावद के रहने वाले राहुल बिरला ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में इस मामले से जुड़ी शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी फर्म लक्ष्य एकाउंटिंग सॉल्यूशन सनावद में है, जिसमें वे अपने से जुड़े कई व्यापारी बंधुओं के GST रिटर्न और एकाउंटिंग का कार्य करते हैं, लेकिन खंडवा के सीजीएसटी कार्यालय में पदस्थ सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी ने जीएसटी से जुड़े कई कार्यों के लिए लगातार रिश्वत की मांग की जाती थी, जबकि इसके कई कार्य ऑनलाइन और मुफ्त में अप्लाई किए जाते हैं, जिन्हें अप्रूव करने के एवज में मुकेश त्रिपाठी रिश्वत की मांग करता था. 

इस तरह से पकड़ाया रिश्वतखोर अधिकारी

पीड़ित राहुल ने बताया कि इसी दौरान उनके एक क्लाइंट की मेडिकल फ़र्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया था, जिसे वापस रिवोक करना था . साथ ही और भी क्लाइंटों की तीन फर्मों में पते और मोबाइल नंबर का अमेंडमेंट कराना था . इन सभी कामों के लिए सुपरिटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी की ओर से 20 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी . आवेदक राहुल की शिकायत का जब लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने सत्यापन कराया, तो बातचीत के दौरान सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी की ओर से आवेदक के दोनों कार्यों के एवज में 20 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी गई . इसके बाद शुक्रवार को इंदौर से आए लोकायुक्त पुलिस के एक ट्रैप दल ने आरोपी सुपरिंटेंडेंट CGST प्रभाग खंडवा को 20 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए उनके ऑफिस के कक्ष में ही रंगे हाथ ट्रैप कर लिया. उनके हाथ धुलाने पर हाथ लाल हो गए . इस मामले में लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई की है.

जीएसटी से जुड़े सही कार्यों के लिए भी मांगते थे रिश्वत

इधर, इस मामले में फरियादी राहुल बिरला ने बताया कि वह जीएसटी से जुड़ी सर्विसेज का काम करते हैं, लेकिन जीएसटी के अधिकारी मुकेश त्रिपाठी लगातार जीएसटी रजिस्ट्रेशन के 10 हजार, जीएसटी रेवोकेशन के 10 हजार और जीएसटी से जुड़े अमेंडमेंट के 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगा करता था. यही नहीं जीएसटी से जुड़े सही कार्य होने के बावजूद इनकी ओर से  25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की मांग की जाती थी, जिसके चलते इनसे व्यापारी वर्ग के साथ ही हम अकाउंटेंट भी परेशान थे . इसके बाद आज मैंने 20 हजार रुपये की रिश्वत देते हुए इसकी सूचना लोकायुक्त पुलिस को दी, जिन्होंने इसे रंगे हाथों पकड़ लिया .

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इस माह की यह सातवीं करवाई

वहीं, लोकायुक्त के डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि सीजीएसटी के सुपरिटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए शुक्रवार को ट्रैप किया गया . उन्होंने बताया कि सनावद के जीएसटी का कार्य करने वाले एक फर्म के संचालक ने शिकायत मिली थी कि मुकेश त्रिपाठी काम करने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं. पड़ताल में शिकायत सही मिलने पर इनके कार्यालय में ही इन्हें रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया . ये जुलाई 2023 से खंडवा में ही पदस्थ थे. इसके पहले ये धार में थे . इनसे बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारी परेशान थे और करीब सवा लाख रुपये महीना कमाने वाले इस रिश्वतखोर अधिकारी को मिलाकर इस माह की यह सातवीं करवाई है.

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