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कतर से रिहाई के बाद वतन लौटे पूर्व नौसेना कमांडर, अब देश में ही रहकर करना चाहते हैं ये काम

MP News: पिछले 18 महीनों के दौरान उनके मन में यह विचार घूमते रहे कि उन्हें अब काम-काज से अलग होकर अपने परिवार के साथ वक्त बिताना चाहिए.उन्होंने कहा कि मैं अब अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहना चाहता हूं. मैं अपने उन सभी दोस्तों से मिलना चाहता हूं जो मुश्किल वक्त में मेरे परिवार के साथ खड़े रहे.

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कतर से रिहाई के बाद वतन लौटे पूर्व नौसेना कमांडर, अब देश में ही रहकर करना चाहते हैं ये काम

Former Navy Commander BK Varma: कतर की जेल से रिहाई के बाद भारत लौटे भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर (Former Navy Commander) बीके वर्मा ने मंगलवार को कहा कि वह अपने परिवार के बीच लौटकर खुश हैं और पत्नी और बच्चों के साथ जिंदगी बिताना चाहते हैं. वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि मोदी के निजी हस्तक्षेप के बिना उनकी रिहाई संभव नहीं थी. 

अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी

वर्मा कतर की जेल से रिहा किए गए भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व कर्मियों में शामिल हैं जिन्हें कथित रूप से जासूसी के एक मामले में पिछले साल अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी. रिहाई से 46 दिनों पहले उनकी मौत की सजा को कारावास में तब्दील कर दिया गया था. स्वदेश वापसी के बाद अपने भतीजे के विवाह समारोह में शामिल होने इंदौर आए वर्मा ने कहा कि अपने परिवार के बीच लौटकर मैं बहुत खुश हूं. मेरे परिवार के लिए भी यह बड़ी राहत की बात है. मेरा उल्लास इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि आज मेरे भतीजे की शादी है.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निजी हस्तक्षेप के कारण मैं आज यहां बैठा हूं. मैं अपने और अपने साथियों की ओर से उन्हें हृदय से धन्यवाद कहता हूं. मैं मेरे मामले में उदारतापूर्वक विचार के लिए कतर के अमीर का भी आभार जताता हूं.

बेटी की शादी में भी नहीं हो पाए थे शामिल 

वर्मा ने बताया कि वह अपनी बेटी की 27 नवंबर 2022 को हुई शादी में शरीक नहीं हो सके थे. उन्होंने कहा मैं अपनी बेटी की शादी में शामिल नहीं हो पाया था.  लेकिन ठीक है.  ऐसा होता है. मैं नौसेना का अफसर रहा हूं. नौसेना का अफसर रहने के दौरान भी हमें कई जगहों की समुद्री यात्राएं करनी होती हैं और तब भी हम परिवार के साथ कई पलों में शामिल नहीं हो पाते. यह सब हमारे निजी जीवन का हिस्सा है.

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मेरा कोई सपना सच हुआ है

58 साल के नौपरिवहन विशेषज्ञ ने कहा कि पिछले 18 महीनों के दौरान उनके मन में यह विचार घूमते रहे कि उन्हें अब काम-काज से अलग होकर अपने परिवार के साथ वक्त बिताना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं अब अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहना चाहता हूं. मैं अपने उन सभी दोस्तों से मिलना चाहता हूं जो मुश्किल वक्त में मेरे परिवार के साथ खड़े रहे. वर्मा की पत्नी सुमन ने अपने पति की रिहाई के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हुए कहा कि पति से दोबारा मिलना मेरे लिए बहुप्रतीक्षित पल था. उन्हें दोबारा देखकर मेरे दिमाग में चल रहा था कि वह वास्तव में मेरे सामने हैं या मेरा कोई सपना सच हुआ है? उन्होंने अपने पति की रिहाई के प्रयासों के लिए भारत सरकार का आभार भी जताया.

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