FIITJEE Scam Exposed in Indore : शहर के नामी फिटजी कोचिंग सेंटर में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ धोखाधड़ी की गई है. JEE इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्रों के अभिभावकों ने कोचिंग सेंटर पर भारी-भरकम फीस लेने के बाद भी पढ़ाई न कराने का आरोप लगाया है. अपने साथ हुए धोखे और बच्चों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ को लेकर परिजन जनसुनवाई में भी पहुंचे थे. बता दें कि फिटजी क्लासेज में JEE जैसे अलग-अलग कांपटीशन एग्जाम की तैयारी करवाने का दावा किया जाता है. इसी कड़ी में इस साल भी कई छात्रों ने इस कोचिंग में एडमिशन लिया. एडमिशन के दौरान तमाम छात्रों से एडवांस बुकिंग के नाम पर 2-2 लाख लिए गए... लेकिन अब छात्रों से फीस वसूलने के बाद क्लास ही नहीं लग रही है. इस धोखाधड़ी के बाद 60 से ज्यादा परिजनों ने परेशान होकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें क्राइम ब्रांच इंदौर ने फिटजी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.
जानिए क्या है ये स्कैम का पूरा मामला ?
आरोप है कि फिटजी ने अब तक छात्रों से एक करोड़ से ज्यादा की फीस वसूली है... लेकिन फीस के बाद पढ़ाई का अता-पता नहीं हैं. इस कड़ी में आज इंदौर के करीब 60 से ज़्यादा पैरेंट्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और अपने साथ हुए धोखाधड़ी का खुलासा किया है.
NDTV से पहले भी पैरेंट्स की हुई बात
JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के अभिभावकों ने फिटजी कोचिंग सेंटर पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. NDTV से बातचीत में रवि अरोरा, जिनका बेटा इंदौर के पलासिया फिटजी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर रहा था, ने बताया कि कोचिंग सेंटर ने पढ़ाई के नाम पर उनसे 2 लाख रुपये लिए थे. रवि के साथ करीब 50 और ऐसे पैरेंट्स थे जिनसे एडवांस में 2-2 लाख रुपये वसूल किए गए थे.
फीस देने के बाद भी नहीं हो रही पढ़ाई
रवि अरोरा ने बताया था कि फीस जमा कराने के बाद एक महीने से पढ़ाई नहीं हो रही है. जब पढ़ाई की बात की जाती है तो कोचिंग सेंटर फंड की कमी का बहाना बनाता है, जबकि अभिभावकों ने पूरे पैसे पहले ही जमा कर दिए थे. जब कोचिंग सेंटर ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो अभिभावकों ने जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज कराई. इस समय पूरे देश में फिटजी क्लासेस स्कैम ने तूल पकड़ रखा है.
इंदौर कलेक्टर ने दिए थे जांच के आदेश
करीब 2 हफ्ते पहले जब मामले का खुलासा हुआ था तब इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए थे. साथ ही कहा था कि शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच कराई जा रही है. प्रशासन का उद्देश्य है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो.
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नर्सिंग स्कैम के बाद एक और 'स्कैम'
मध्य प्रदेश में इससे पहले नर्सिंग कॉलेज स्कैम भी चर्चाओं में था. जिसमें CBI की जांच में कई अनफिट कॉलेजों को सूटेबल करार दिया गया था. लेकिन हाइकोर्ट के निर्देश के बाद मामले में आगे जांच की गई तो कई कॉलेज अनफिट पाए गए और उन पर ताला जड़ दिया गया.
अधर में लटका बच्चों का भविष्य
मध्य प्रदेश में शिक्षा माफिया की वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. पहले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के झांसे में आकर छात्रों ने लाखों रुपये फीस में गंवाए और अब फिटजी स्कैम सामने आया है. इस स्कैम से इंदौर के छात्रों और उनके अभिभावकों में खासा नाराजगी है.
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