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इंदौर में बड़ा हादसा: रानीपुरा में पांच मंजिला इमारत ढही, दो की मौत, 12 घायल; मलबे में दबे थे परिवार के 14 लोग

Indore Building Collapses: इस पांच मंजिला इमारत में तीन भाइयों का परिवार रहता था, जिसमें कुल 22 सदस्य रहते थे. हादसे के समय कुल 14 लोग घर के अंदर मौजूद थे. इमारत के गिरने से सभी लोग मलबे में दब गए.

इंदौर में बड़ा हादसा: रानीपुरा में पांच मंजिला इमारत ढही, दो की मौत, 12 घायल; मलबे में दबे थे परिवार के 14 लोग

Indore Five-storey building collapses: इंदौर शहर के व्यस्ततम इलाके रानीपुरा इलाके में सोमवार देर रात दिल दहला देने वाला हादसा हो गया. तेज बारिश के बीच जवाहर मार्ग पार्किंग के पास स्थित एक पांच मंजिला इमारत अचानक भरभराकर ढह गई. अचानक हुए इस हादसे से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और चीख-पुकार गूंजने लगी.

रानीपुरा में 5 मंजिला इमारत ढही

सूचना मिलते ही सबसे पहले आसपास के स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे लोगों को बचाने का प्रयास शुरू किया. कुछ ही देर में नगर निगम, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें भी वहां पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. रातभर जेसीबी मशीनों और अन्य संसाधनों की मदद से मलबा हटाने का काम चलता रहा.

चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर और महापौर सहित प्रशासनिक अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया.

मलबे में दब गए 14 लोग, 2 की मौत

इस पांच मंजिला इमारत में तीन भाइयों का परिवार रहता था, जिसमें कुल 22 सदस्य रहते थे. हादसे के समय कुल 14 लोग घर के अंदर मौजूद थे. इमारत के गिरने से सभी लोग मलबे में दब गए. इनमें से 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल एमवाय अस्पताल भेजा गया. वहीं दो बच्चों  की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.

12 लोग घायल

वार्ड पार्षद अंसाफ अंसारी के अनुसार, यह मकान बहुत पुराना नहीं था, लेकिन आसपास बने होटलों के कारण चूहों ने इसकी नींव को भीतर से खोखला कर दिया था. लगातार हो रही बारिश ने दीवारों को और कमजोर कर दिया, जिसके चलते यह बहुमंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर पड़ी.

कलेक्टर शिवम वर्मा समेत ये अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद  रहे

रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुबह तक मलबे का बड़ा हिस्सा हटा लिया गया. प्रशासन ने आसपास के पुराने और जर्जर मकानों की भी जांच शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई और बड़ी घटना टाली जा सके. यह हादसा शहर में बिल्डिंग सेफ्टी और अवैध निर्माण पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. कलेक्टर शिवम वर्मा, निगम कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर अल सुबह तक मौके पर मौजूद रहे. आखिरी बॉडी निकलने तक रेस्क्यू कर्मियों का हौसला बढ़ाते रहे.

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