 
                                            Indian Navy Chief Admiral Dinesh Kumar Tripathi: भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी शुक्रवार को अपने गृह ग्राम महुड़र पहुंचे, जो मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है. इंडियन नेवी की कमान संभालने के बाद दूसरी बार अपने गांव पहुंचे एडमिरल त्रिपाठी के स्वागत में पूरा गांव उमड़ पड़ा. उनके स्वागत में लोगों ने फूलमालाओं से स्वागत किया और जयघोष करते हुए अपने गौरव का अभिनंदन किया.
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने अपने जीवन की प्रेरणादायक यात्रा साझा की. उन्होंने बताया कि वे मात्र आठ वर्ष की आयु में पढ़ाई के लिए गांव से निकले, लेकिन अपने गांव और मिट्टी से कभी दूर नहीं हुए. उन्होंने कहा, “जब भी अवसर मिलता है, मैं महुड़र लौटता हूं ताकि इस पवित्र धरती को नमन कर सकूं.” उनकी इस बात ने हर किसी के दिल में गहरी छाप छोड़ दी.
यह भी पढ़ें- MP Foundation Day: मध्य प्रदेश स्थापना की रोचक बातें, भोपाल को राजधानी बनाने की वजह चौंकाने वाली
युवाओं से उन्होंने कहा कि अगर कोई अपनी क्षमताओं को पहचान ले और निष्ठा से प्रयास करे तो सफलता निश्चित है. आत्मविश्वास को उन्होंने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए कहा कि यह हर व्यक्ति के लिए “सेल्फ कॉन्फिडेंस बूस्टर” का काम करता है.
देश की सुरक्षा में भारतीय नौसेना की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि भारत के 95 फीसदी आयात-निर्यात का संचालन समुद्री मार्गों से होता है. ऐसे में नौसेना देश के व्यापार और सीमाओं की सुरक्षा की मजबूत रीढ़ है.
उन्होंने गर्व से कहा कि भारतीय नौसेना हर परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए सतर्क और संकल्पित है. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण, छात्र और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. महुड़र के बेटे के नौसेना प्रमुख बनकर आने से पूरा गांव गौरव और उत्साह से सराबोर नजर आया.
Admiral Dinesh Kumar Tripathi Biography: दिनेश कुमार त्रिपाठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे
विंध्य भूमि के गौरव, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का जन्म 15 मई 1964 को मध्य प्रदेश के सतना जिले की रामपुर बाघेलान तहसील के ग्राम महुडर में एक सामान्य ब्राह्मण परिवार में हुआ. बचपन से ही वे अनुशासनप्रिय और मेधावी रहे.
प्रारंभिक शिक्षा और सैन्य पृष्ठभूमि
एडमिरल त्रिपाठी की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय से हुई, जहाँ उन्होंने कक्षा पाँच तक पढ़ाई की. इसके बाद वर्ष 1973 में उन्हें रीवा सैनिक स्कूल में दाखिला मिला. वहीं से उन्होंने 1981 में अपनी शिक्षा पूर्ण कर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), खडगवासला में प्रवेश लिया. एनडीए से स्नातक होने के बाद उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और थिमैया मेडल से सम्मानित हुए.
नौसेना में गौरवशाली करियर
दिनेश कुमार त्रिपाठी को वर्ष 1985 में भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन मिला. अपने 40 वर्षों के लंबे सैन्य करियर में उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण परिचालन, स्टाफ और नेतृत्व पदों पर कार्य किया. वे एक कम्युनिकेशन एवं इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर स्पेशलिस्ट हैं और कई प्रमुख गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर जहाजों जैसे आईएनएस मुंबई, आईएनएस किर्च, आईएनएस त्रिशूल और आईएनएस विनाश की कमान संभाल चुके हैं.
उनके उत्कृष्ट नेतृत्व और अद्वितीय रणनीतिक क्षमता के कारण उन्हें वाइस एडमिरल के पद पर वर्ष 2019 में पदोन्नत किया गया. जनवरी 2025 में वे वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ बने और 30 अप्रैल 2025 को उन्होंने भारतीय नौसेना प्रमुख (Chief of Naval Staff) का पदभार संभाला.
सम्मान और उपलब्धियां
एडमिरल त्रिपाठी को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं.
- अति विशिष्ट सेवा पदक (AVSM)
- नौसेना मेडल (NM)
- थिमैया मेडल
- रॉबर्ट ई. बैटमैन इंटरनेशनल अवार्ड
आज सतना जिले के महुड़र ग्राम में भारत के नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी जी के नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्मिलित होकर एवं उनका सम्मान कर मुझे अत्यंत गौरव और हर्ष की अनुभूति हुई।
— Rajendra Shukla (@rshuklabjp) October 31, 2025
यह दिन संपूर्ण रीवा और विंध्य के लिए गर्व का प्रतीक है, जब इस पावन धरती के दो वीर सपूत… pic.twitter.com/4C5v0knKpA
