Gwalior News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के एक प्राइवेट बैंक से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. ज़िले के बहोड़ापुर के एक निजी बैंक (Private Bank in Gwalior) के कुछ पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों पर करीब दो करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगा है. मामले का खुलासा होने पर पुलिस को खबर दी गई. जिसके बाद पुलिस ने बैंक मैनेजर की शिकायत पर चार कर्मचारियों, दीपक शर्मा, मोनू राजपूत, अनिल जाटव और नरेश बैरवा के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने ग्राहकों के नाम से फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) तैयार कर लोन पास कराया और फिर उसे खुद गटक गए. कुल मिलाकर अभी एक करोड़ 90 लाख के आसपास धोखाधड़ी उजागर हुई है. लेकिन पुलिस का कहना है कि यह आंकड़ा और ठगे गए लोगों की संख्या बढ़ सकती है.
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जानिए किस बैंक का है ये मामला?
दरअसल, बैंक अधिकारी कुबेर बघेल ने पुलिस को बताया कि लक्ष्मी पुरम ट्रांसपोर्ट नगर में HBCL नाम का एक निजी बैंक है, जिसके कुछ मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया. शातिर कर्मचारियों ने नवंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 तक लोन के बहाने ग्राहकों की राशि हड़प ली. इस मामले को लेकर बैंक प्रबंधन ने पुलिस से काफी पहले गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस की तरफ मामला दर्ज नहीं किया गया था. पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने कहा कि गबन की गई राशि का आंकड़ा दो करोड़ के ऊपर भी पहुंच सकता है. आरोपियों ने ग्राहकों के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन पास कराया और उसे हड़प गए. इन जालसाजों ने ग्राहकों की बैंक में जमा होने वाली किस्त की रकम में भी घोटाला किया.
छह महीने की जांच के बाद दर्ज हुआ केस
DSP हेड क्वार्टर अशोक जादौन के अनुसार, पुलिस ने करीब 6 महीने तक मामले की छानबीन की. जिसके बाद अब जाकर चारों आरोपियों के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. फिलहाल, किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
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