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This Article is From Mar 12, 2024

Lok Sabha Elections से पहले छलका इमरती देवी का दर्द, भाजपा सम्मेलन में बोलीं - 'कांग्रेस में थी तो जीतती थी...'

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री सिंधिया समर्थक इमरती देवी ने ये कहकर सबको चौंका दिया कि जब वो कांग्रेस में थीं तो लागतार जीत रही थीं, लेकिन बीजेपी में आ गईं तो उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है. 

Lok Sabha Elections से पहले छलका इमरती देवी का दर्द, भाजपा सम्मेलन में बोलीं - 'कांग्रेस में थी तो जीतती थी...'

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व मंत्री और सिंधिया समर्थक नेता मानी जाने वाली इमरती देवी (Imarti Devi) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं. एक बार फिर वो अपने बयान को लेकर ही चर्चांओं में हैं. दरअसल, इमरती देवी लोकसभा प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह के समर्थन में डबरा विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक में अपना भाषण दे रही थी. तभी इमरती देवी ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे वहां बैठे कार्यकर्ता और नेता खुद अचंभित रह गए.

इमरती देवी ने ये कहकर सबको चौंका दिया कि जब वो कांग्रेस में थीं तो लागतार जीत रही थीं, लेकिन बीजेपी में आ गईं तो उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है. 

इमरती देवी ने कहा, 'आप ऐसे लोगों से बचें जो मंच पर खड़े होकर कहते हैं, कि भारतीय जनता पार्टी हमारी मां है और मां का टाइम आता है. तो लातें (पैर) मारते हैं मां तो मां होती है.'

भाजपा सम्मेलन के मंच से कही ये बात 

इमरती देवी ने आगे कहा, भारतीय जनता पार्टी हमारी मां है .आप कोई भी क्षेत्र हमें दे देंगे इमरती देवी अपनी मां की पूरी लाज रखेगी. जैसे हमने अपने लिए वोट मांगे हैं. वैसे ही हम झोली फैला कर भारत कुशवाहा के लिए वोट मांगूगी.'

इमरती ने कहा, 'अभी तक भाजपा से जो भी सांसद का चुनाव लड़े हैं, उन्हें डबरा में पराजय मिली है. वो हारे हैं. मैं इसलिए कह रही हूं कि जब मैं कांग्रेस में थी तो 62 - 62 हजार वोटों से जीततीं थी, लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी में आई हूं और चुनाव लड़ी हूं तो नहीं जीत सकी, लेकिन हमने पार्टी के वोट बढ़ाये. हमें 51 हजार वोट ज्यादा मिले. उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा को मां कह रही हूं तो उसे जिताने के लिए झोली फैलाकर वोट मांगूंगी.'

सिंधिया के साथ छोड़ी थी कांग्रेस 

डबरा सुरक्षित सीट से लगातार तीन चुनाव भारी बहुमत से जीतने वाली इमरती देवी कमलनाथ सरकार में महिला व बाल विकास मंत्री थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजपी का हाथ ने थामा तो इमरती भी विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गई. इसके बाद इमरती भाजपा के टिकट पर उप चुनाव और फिर 2022  विधानसभा चुनाव लड़ी, लेकिन वो जीत नहीं सकीं.

वहीं इमरती हार के लिए भाजपा में व्याप्त गुटबाजी और परोक्ष रूप से पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को टारगेट करती रही है. डॉ मिश्रा डबरा में ही रहते है. इस सीट के आरक्षित होने के पहले वो अनेक बार यहां से जीते, लेकिन डबरा सीट सुरक्षित हो जाने के बाद डॉ मिश्रा दतिया सीट से लड़कर जीतते रहे. इमरती उन पर हराने का आरोप लगाती रही है. 

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