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This Article is From Aug 23, 2024

खुरासानी इमली पेड़ों की 'तस्करी' मामले में MP हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, एक के जगह 10-10 पेड़ लगाने का निर्देश

Khurasani Imli: मांडव में क्रेन पोकलेन मशीन और बड़े ट्राले के जरिए खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़कर हैदराबाद भेजा गया था. वन विभाग ने अनुमति की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी थी. हालांकि पेड़ काटने के दौरान ग्रामीणों ने आपत्ति जताई थी. वहीं मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने भी संज्ञान लिया था.

खुरासानी इमली पेड़ों की 'तस्करी' मामले में MP हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, एक के जगह 10-10 पेड़ लगाने का निर्देश

Big decision of MP High Court regarding Khurasani Imli: खुरसानी इमली को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मांडू और उसके आस-पास के क्षेत्रों से उखाड़े गए खुरसानी इमली के पेड़ों के जगहों पर 10-10 खुरसानी के पेड़ लगाने का निर्देश दिए हैं. साथ ही इन पौधों का वीडियो बनाकर न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया गया है. बता दें कि बीते कुछ सालों में पर्यटक स्थल मांडू से बड़े पैमाने पर दुर्लभ प्रजाति खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़ कर तस्करी किया गया था. 

कोर्ट ने एक के जगह 10-10 पेड़ लगाने के दिए निर्देश

दरअसल, 2022-23 में मांडू और उसके आस-पास से बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़ कर तेलंगाना में यूनिक ट्री नामक निजी नर्सरी में ट्रांसप्लांट करने के लिए भेजा गया था. हालांकि यहां के नागरिक और जनप्रतिनिधियों ने इसका कड़ा विरोध जताया और सड़कों पर बैठ कर विरोध प्रदर्शन किया था. जिसके बाद उच्च न्यायालय जबलपुर ने स्वत: संज्ञान लिया था. 

कोर्ट ने 13 अगस्त को आदेश पारित कर निर्देश दिया कि जितने खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़ा गया हैं उनके स्थान पर दस-दस पेड़ लगाए जाएं और इसकी विडियो बना कर न्यायालय को अवगत कराया जाएं.

बॉटनिकल गार्डन में ये पेड़ लगाने के लिए भेजा गया था हैदराबाद

साल 2022-23 में मांडू और उसके आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में इन पेड़ों को उखाड़ कर ट्रांसप्लांट करने के लिए ग्रीन किंगडम नमक प्राइवेट कंपनी तेलंगाना ले गया था. कंपनी ने वन विभाग की अनुमति लेकर क्रेन बुलडोजर और जेसीबी की सहायता से उखाड़कर बड़े-बड़े ट्रालों में यहां से तेलंगाना ले गया था. 

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जिला प्रशासन को नहीं दी गई थी जानकारी 

जानकारी के मुताबिक, इन दुर्लभ प्रजाति के पेड़ों को बीना जिला प्रशासन की अनुमति के वन विभाग के अधिकारियों ने उखड़वा कर तेलंगाना की प्राइवेट कंपनी को बेच दिया था.

दुर्लभ खुरसानी इमली के पेड़ में होते हैं ये औषधिय गुण

बता दें कि पर्यटक स्थल मांडू में पाए जाने वाले प्रसिद्ध खुरसानी इमली के पेड़ पर लगने वाली इमली काफी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधिय गुणों के लिए भी जानी जाती है. बताया जाता है कि औषधिय गुणों को देखते हुए इसकी विश्व में भारी डिमांड रहती है. दरअसल, यह पेड़ अफ्रीका और साउथ अरेबिया मूल का है. इसका पृथ्वी पर इतिहास 2 हजार वर्ष प्राचीन है. इकलौता यही पेड़ है, जिसमें रेडियो कार्बन डेटिंग के गुण हैं. इसके अलावा इसके फल में रिहाइड्रेशन के लिहाज से अचूक गुण पाए जाते हैं. खुरासानी इमली के फल में कैल्शियम और अन्य तत्व भी होते हैं, जिसके कारण इसका औषधि महत्व है. 

हाई कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान

अफ्रिका उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के खुरसानी इमली के यह पेड़ मांडू और आस-पास ही पाए जाते हैं.  इन पेड़ों की तस्करी के बाद स्थानीय स्तर पर हो रहे विरोध प्रर्दशन में जबलपुर उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया और आदेश पारित कर निर्देश दिया कि जितने खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़ा गया उन स्थानों पर एक पेड़ के जगह दस-दस पेड़ लगाए जाएं.

वन मंडलाधिकारी अशोक सोलंकी ने बताया कि पिछले वर्षों में मांडू में जीन स्थानों से खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़ा गया था. वहां निर्देशानुसार 10-10 खुरसानी इमली के पौधों का रोपण किया गया है. इसके अलावा वृक्षारोपण के दौरान मांडू के वन क्षेत्रों में खुरासानी इमली के 5 सौ पौधों का रोपण किया गया है.

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