
Heavy Rain in Ujjain: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में पूरी रात भर हुई मूसलाधार बारिश के कारण इस वर्ष पहली बार शिप्रा नदी (Shipra River) गुरुवार दोपहर खतरे के निशान तक पहुंच गई. वहीं, लगातार बारिश से शहर के कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया. इससे लोगों को भारी परेशानी हुई, लेकिन कहीं कोई घटना सामने नहीं आई. हालांकि, स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और अन्य विभाग अलर्ट पर हैं.

खतरे के निशान के पास शिप्रा नदी
मालवा क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ा
मानसून आने के डेढ़ महीने बाद भी मालवा क्षेत्र सूखा हुआ था, लेकिन करीब 12 दिन से हो रही हल्की बारिश के बाद बुधवार शाम से उज्जैन, देवास और इंदौर में पहले रुक-रुक कर और फिर रात 1 बजे के बाद मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. इसके कारण गुरुवार सुबह तक शिप्रा का जल स्तर बढ़ने लगा और रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट पर स्थित सभी मंदिर जलमग्न होने के साथ छोटा पूल डूब गया. दोपहर तक पानी बड़नगर रोड स्थित बड़े पूल पर खतरे के निशान तक पहुंच गया.
कई इलाकों में जलभराव, प्रशासन अलर्ट
बारिश के कारण उज्जैन की नई सड़क, तोपखाना, बहादुरगंज, एटलस चौराहा, केडी गेट, नीलगंगा, शांति नगर, इंदौर गेट, दशहरा मैदान में जलभराव देखने को मिला है. इससे रहवासी परेशान हो गए. इन क्षेत्रों से पानी सुबह खाली हो गया, लेकिन प्रशासन ने होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीमें तैनात करने के साथ पूल-पुलियाओं पर बैरिकेटिंग कर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं.
ये भी पढ़ें :- Big Cyber Fraud: ग्राहक को सामान मंगवाकर रिटर्न करना पड़ा भारी, ठगों ने खाते से ऐसे उड़ाए 15 लाख रुपए
लगातार हो रही बारिश
देर रात उज्जैन में 3.36 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे अब तक 25 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है. जबकि, सामान्य तौर पर 35 इंच बारिश जरूरी मानी जाती है. इस मान से जिले में अभी भी 10 इंच बारिश की जरूरत है. हालांकि, मौसम विभाग द्वारा आज भी येलो अलर्ट जारी किया गया है.
ये भी पढ़ें :- स्कूल के चपरासी की दबंगई, नाबालिग छात्रा से हर माह 300 रुपये में लगवाता था झाड़ू, खुलासा होते ही जांच शुरू