
Gwalior Roads: ग्वालियऱ मे घटिया सड़क निर्माण को लेकर देशभर में हो रही फजीहत के चलते मुख्यमंत्री के ग्वालियर दौरे से एक दिन पहले प्रदेश के जल संसाधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट व ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सड़कों पर उतरे. दिनभर मीडिया उन्हें चेतकपुरी की सड़क को लेकर घेरती रही. आखिरकार प्रभारी मंत्री ने चेतकपुरी रोड धंसने को लेकर आयुक्त को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जिसके चलते आयुक्त नगर निगम ने स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के प्रोजेक्ट और सड़क निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले प्रभारी कार्यपालन यंत्री सुरेश अहिरवार और प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीआईयू पवन सिंघल को निलंबित कर दिया.
अब इन पर होगा एक्शन
वहीं सड़क बनाने वाले दोनों ठेकेदार और प्रोजेक्ट में शामिल अधीक्षण यंत्री जेपी पारा, सहायक यंत्री महेंद्र प्रसाद अग्रवाल पर अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है. प्रभारी मंत्री ने कहना है कि मैं चेतकपुरी रोड का भी निरीक्षण करूंगा. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्यों हो रही है समस्या?
बरसाती नदी को निगम ने स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के तहत पाइप लाइन में बदल दी है. इसके लिए 14.50 करोड़ रुपये पाइप डालने और सड़क निर्माण पर 4.09 करोड़ का टेंडर हुआ था. हालत ये थे कि नगर निगम के अधिकारी मौके पर गए ही नहीं. उन्होंने ठेकेदार के हवाले ही सब कुछ कर दिया. नतीजा 14 दिन में 8 स्थानों पर यह सड़क धंस चुकी है. उसमें यात्री बस से लेकर भारी वाहन तक फंस चुके हैं. मामला मीडिया और सोशल मीडिया मे सुर्खियों मे आने के बाद आयुक्त संघ प्रिय ने उपयंत्री आशीष राजपूत को निलंबित कर दिया. स्टाॅर्म वाटर ड्रेनेज़ सिस्टम का काम जैन एंड राय कम्पनी ने तथा सड़क निर्माण का काम हाक़िम शर्मा नामक ठेकेदार की कम्पनी एनएचएस ने किया है.
सड़क पर उतरे मंत्री
शुक्रवार को प्रभारी मंत्री और ऊर्जा मंत्री से भ्रमण के दौरान मीडिया चेतकपुरी सड़क को लेकर सवाल करती रही. मंत्रियों के दौरे के बाद देर शाम को आयुक्त ने नोडल अधिकारी सिंघल और कार्यपालन यंत्री अहिरवार को निलंबित करने के आदेश निकाल दिए हैं. आयुक्त ने बताया कि दो प्रभारी कार्यपालन यंत्रियों को निलंबित किया है. महेंद्र प्रसाद अग्रवाल पीएचई विभाग के हैं. उनके निलंबन का प्रस्ताव पीएचई को भेजा जाएगा. अधीक्षण यंत्री पारा पर कार्रवाई का अधिकार यूएडीडी को है. उनके द्वारा कार्रवाई करना प्रस्तावित है. ठेकेदारों की भी जांच रिपोर्ट के आधार पर भुगतान रोकने की कार्रवाई की जाएगी. आनन फानन मे की गई इस कार्रवाई की एक वजह यह भी रही, क्योंकि 5 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी ग्वालियर आ रहे हैं.
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