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विदेशी नागरिक को गोलपाड़ा डिटेंशन सेंटर में भेजने का हाईकोर्ट ने दिया आदेश,10 सालों से जेल में है बंद

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में विदेशी युवक अहमद अल मक्की के मामले में अहम सुनवाई हुई.

विदेशी नागरिक को गोलपाड़ा डिटेंशन सेंटर में भेजने का हाईकोर्ट ने दिया आदेश,10 सालों से जेल में है बंद

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद विदेशी अहमद अल मक्की मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट के आदेश पर अब अहमद अल मक्की को देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर गोलपाड़ा में रखा जाएगा. यह डिटेंशन सेंटर असम में है और देश में मौजूद चार डिटेंशन सेंटर में सबसे बड़ा है.

ये है मामला 

दरअसल 10 साल पहले ग्वालियर पुलिस ने पडाव थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन बजरिया से एक संदिग्ध युवक को पकड़ा था, जिसकी पहचान अहमद अल मक्की नाम से हुई थी. उसने पहले खुद को सऊदी अरब का नागरिक बताया था, लेकिन सऊदी अरब के दूतावास ने उसको अपने यहां का नागरिक होने से इंकार कर दिया था.

इसके बाद आरोपी अहमद अल मक्की ने अपने आप को बांग्लादेश का नागरिक बताया. उसे 21 सितंबर 2014 को पकड़े गए अहमद अल मक्की को फर्जी पासपोर्ट से देश में घुसने पर 3 साल की सजा हुई थी.

अहमद अल मक्की की सितंबर 2017 को सजा पूरी होने के बाद उसे पडाव थाने में बनाए गए अस्थाई डिटेंशन सेंटर में 9 महीने तक रहा. कलेक्टर के आदेश पर उसे पडाव थाने में बनाए डिटेंशन सेंटर में उसे रखा गया था. अलमक्की महालेखाकार कार्यालय के पास स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए साथ में आया था और फिर पड़ाव थाने के आरक्षक को चकमा देकर 2018 में भाग निकला था. बाद में पुलिस ने उसे हैदराबाद से फिर गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में उस पर एक और आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था. 

पुलिस अभिरक्षा यानी डिटेंशन सेंटर से भगाने के आरोप में कोर्ट ने उसे फिर 3 साल की सजा सुनाई है. यह सजा भी उसकी पूरी हो गई है. लेकिन जिला दंडाधिकारी यानी कलेक्टर के आदेश पर उसे फिर ग्वालियर सेंट्रल जेल में अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाकर जेल भेज दिया गया.

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वकील ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

इस मामले को अल मक्की के वकील अकरम खान ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. दायर याचिका में दावा था कि कलेक्टर को अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाने या सजा के बाद जेल में रखने का अधिकार नहीं है. इसका फैसला केंद्र सरकार को करना होता है।हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता और राज्य शासन से इस मामले में 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था. सुनवाई के बाद न्यायालय ने अहमद अल मक्की को असम के गोलपाड़ा डिटेंशन सेंटर में भेजने के आदेश दिए हैं. खास बात यह है कि अभी तक अहमद अल मक्की की नागरिकता सिद्ध नहीं हो सकी है कि वह आखिर किस देश का नागरिक है ?  

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