
ग्वालियर (Gwalior) के एक विशेष न्यायालय (पॉस्को कोर्ट) ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले शिक्षक को 20 साल की सजा सुनाई है. दरअसल, शिक्षक के खिलाफ तीन नाबालिग बच्चियों ने अश्लील हरकतें करने की FIR दर्ज कराई थी, लेकिन कोर्ट में उनमें से दो अपने बयान से मुकर गईं, लेकिन एक बच्ची के बयान के आधार पर कोर्ट ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ सजा सुनाई है.
यह था पूरा मामला
22 अक्टूबर, 2022 को थाना उटीला में शिकायत की गई थी कि स्कूल में कार्यरत शिक्षक मुंशीलाल माहौर अपने कमरे में ले जाकर बच्चियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं. इतना ही नहीं आरोपी शिक्षक कपड़े भी उतरवाते हैं और धमकाते है कि किसी के सामने इस बात को लेकर मुंह नहीं खोलना. वहीं पुलिस ने चार छात्राओं की शिकायत पर शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़, धमकाने और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.
दो छात्रा कोर्ट में मुकरी, लेकिन एक डटी रही
एडीपीओ आशीष राठौर ने बताया कि यह मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो शिकायतकर्ता में से सबसे छोटी 5 साल की बच्ची को कम उम्र के चलते गवाही के लिए बुलाया नहीं गया. साथ ही सात वर्षीय और आठ वर्षीय दो शिकायतकर्ता छात्राएं अपने पुराने बयान से ही मुकर गईं. दोनों ने कोर्ट में बयान दिया कि उनके साथ ऐसी कोई घटना घटित ही नहीं हुई, लेकिन एक अन्य आठ साल की पीड़िता ने कोर्ट में गवाही देकर आरोपों की पुष्टि करते हुए बताया कि शिक्षक मुंशीलाल उनके साथ ऐसा करते थे.
कोर्ट ने नहीं मानी मुंशीलाल की दलील
एडीपीओ के अनुसार, ट्रायल के दौरान आरोपी मुंशीलाल की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया कि पीड़ित छात्राएं शासकीय प्राथमिक विद्यालय उटीला की छात्राएं ही नहीं है. वो तो केवल योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्कूल आतीं थीं, लेकिन बहस के दौरान अभियोजन यह साबित करने में सफल रहा कि घटना वाले दिन शिकायतकर्ता छात्रा और मुंशीलाल दोनों स्कूल में मौजूद थे.
सजा के साथ कोर्ट ने लगाया जुर्माना
सुनवाई के बाद विशेष पॉस्को कोर्ट ने आरोपी मुंशी लाल माहौर के खिलाफ 20 साल की कारावास की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी पर 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.