
Gwalior: ग्वालियर जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. बीते दिनों भी यहां पर शिक्षा विभाग में दिव्यांग कोटे से हुई भर्ती में फर्जीवाड़े की खबर आई थी. बताया जा रहा है कि दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए घोटाला किया गया है. मामले के सामने आते ही यहां पर हड़कंप मच गया है. वहीं इसके लेकर संभाग में अनेक FIR भी दर्ज हो चुकीं है. वहीं अब ताजा खबर है कि असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती में भी जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है. जिसके बाद अब इस मामले में भी जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही मेडिकल बोर्ड से जांच की तैयारी शुरू हो गई है.
साल 2018 में हुई थी इन पदों पर भर्ती
साल 2018 में असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइब्रेरियन, स्पोर्ट्स ऑफिसर्स के पदों पर परीक्षा के बाद भर्ती हुई थी. जिसमें 150 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती दिव्यांग कोटे से हुई थी. जिसके बाद शिक्षक भर्ती में दिव्यांग सर्टिफिकेट फर्जी पाए जाने की खबर सामने आई थी. मामला उजागर होने के बाद अब उच्च शिक्षा विभाग भी चौकन्ना हो गया है. जिसको लेकर साल 2018 में दिव्यांग कोटे से भर्ती सभी 150 असिस्टेंट प्रोफेसर की दिव्यांगता का परिक्षण की कवायद शुरू कर दी गई है.
सबसे ज्यादा मामले ग्वालियर-चंबल से
शिक्षक भर्ती की तरह ही ये मामला दिव्यांग कोटे से जुड़ा हुआ है. प्रदेश में दिव्यांग कोटे से जो 150 भर्तियां हुईं है उनमें से 40 मामले तो अकेले ग्वालियर चंबल संभाग से ही हैं. उच्च शिक्षा विभाग के Divisional Additional Director Professor के. रत्नम ने NDTV को बताया कि साल 2018 में हुई परीक्षा में चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर, स्पोर्ट ऑफिसर, लाइब्रेरियन आदि में जिन्होंने दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाए थे उन सभी की जांच संभागीय मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी.
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