
Dog Bites Case Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के नौगांव इलाके में साढ़े तीन साल के मासूम बच्चे पर हमला कर उसे बुरी तरह नोंच दिया है. जिससे उसे 40 टांके आए और सर्जरी करनी पड़ी है. बताया जा रहा है कि ग्वालियर में हर दिन 200 लोग डॉग बाइट्स के शिकार हो रहे हैं.
घर के बाहर खेल रहा था बच्चा
दरअसल मासूम अभिमन्यु घर के बाहर खेल रहा था, तभी एक हिंसक स्ट्रीट डॉग ने पागलों की तरह उस पर हमला कर दिया. इस हमले मे डॉग ने बच्चे क़ो मुंह, पेट सहित अनेक जगह काटा. कई जगह का तो मांस ही गायब हो गया. इस हमले मे बच्चा बुरी तरह घायल हो गया है. उसको चालीस टाँके आये है और अस्पताल मे भर्ती है.
परिजनों ने बताया कि घायल बच्चे की चीख-पुकार सुनकर घर के अंदर मौजूद मां दौड़कर बाहर आईं. उन्होंने देखा कि कुत्ता मासूम को नोंचने मे लगा है. उन्होंने आसपास मौजूद लोगों की मदद से बड़ी मुश्किल से अभिमन्यु को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया गया.
हमले में बच्चे के माथे और आंख के पास गंभीर चोटें आई हैं. परिजन उसे तुरंत जयारोग्य समूह के सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए और घावों की ड्रेसिंग की. बाद में उसकी कई छोटी-छोटी सर्जरी करनी पड़ी. इसके बाद मासूम के घावों पर 40 टांके लगाना पड़े
अभिमन्यु के दादा राधेश्याम दीक्षित ने बताया कि उनके घर के आसपास 8 से 10 स्ट्रीट डॉग का आतंक है, उन्होंने डेढ़ महीने पहले सीएम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत दर्ज कराई थी और नगर निगम अधिकारियों से भी कई बार संपर्क किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
यह हालत सिर्फ किसी एक मोहल्ले के नहीं है बल्कि पूरे शहर के है. आवारा कुत्तो के आतंक से पूरा शहर परेशान है. रात ही नहीं दिन मे भी लोगों का रास्ता चलना मुश्किल है क्योंकि सड़क पर कुत्तों के झुण्ड घुमते रहते हैं, जो कभी भी लोगों पर हमला बोल देते हैं. लोग इसको लेकर क़ो नगर निगम अफसरों से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक पर शिकायत करते रहते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती.
नगर निगम का एनएसबी केंद्र नसबंदी घोटाला उजागर होने के बाद बंद पड़ा है. हालांकि नगर निगम दावा करता है कि सड़कों से कुत्तों को पकड़ने का काम नियमित होता है. लेकिन डॉग बाईट के आंकड़े और सड़को पर घूमते आवारा कुत्तों के झुण्ड सरकारी दावो को झूठा और कागजी साबित करते हैं.
गंभीर नहीं है प्रशासन
ग्वालियर की सड़कों पर लावारिश कुत्तों का इतना आतंक है कि हर रोज औसत 200 लोग इनके काटने के बाद अस्पताल पहुंचते हैं. इनमें ज्यादातर बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं होते हैं. प्रशासन इनको लेकर कतई गंभीर नहीं है. जयारोग चिकित्सालय के डॉग बाईट उपचार सेंटर के प्रभारी का कहना है कि उनके यहां लगभग सौ डॉग बाईट के शिकार रोज पहुंच रहे है और इतनी ही संख्या मे लोग जिला अस्पताल मुरार पहुंचते है. जिले में प्रतिदिन 200 से अधिक लोग स्ट्रीट डॉग के हमले का शिकार बन रहे हैं.
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