
Gwalior High Court Premises Ambedkar Statue Controversy: एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) की ग्वालियर पीठ के परिसर में आंबेडकर प्रतिमा (Ambedkar Statue ) पर राज्य में सियासत गरमाने लगी है. इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress Party) के नेताओं ने इस महीने के आखिर में एक अभियान शुरू करने का ऐलान किया है. कांग्रेस का दावा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ओर से उच्च न्यायालय के ग्वालियर पीठ परिसर में आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने में “बाधाएं” पैदा की जा रही हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर न सिर्फ निशाना साधा, बल्कि कांग्रेस को अंबेडकर विरोधी भी करार दिया. उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच में अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर उठे विवाद पर यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश ने एक समिति बनाई है. सरकार उस समिति के जरिए लिए गए निर्णय का पालन करेगी. हमारी पार्टी ने पहले ही दिन से कहा है कि आंबेडकर के लिए हम जो भी कर सकते हैं, करेंगे.
कांग्रेस से इन सवालों के भी मांगे जवाब
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर आंदोलन की घोषणा करके कांग्रेस आंबेडकर, आपातकाल और अनुच्छेद 370 से जुड़े मुद्दों पर अपने ‘‘पापों'' को छिपाने की कोशिश कर रही है, जिसका आंबेडकर और मुखर्जी दोनों ने विरोध किया था. यादव ने कहा कि आंबेडकर के अनुच्छेद 370 के विरोध के बावजूद कांग्रेस ने इसे लागू किया. उन्होंने दावा किया कि आंबेडकर की आत्मा उस दिन रोई थी, जब पूरे जम्मू-कश्मीर के अनुसूचित जनजातियों को अनुच्छेद 370 के जरिये उनके अधिकारों से वंचित किया गया था.
जन्म स्थली महू के विकास पर भी दागे सवाल
यादव ने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उसने राज्य में अपने 55 साल के शासन के दौरान आंबेडकर की जन्मस्थली महू के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि उसने तो उनकी जन्मस्थली को भी नजरअंदाज करने की कोशिश की. यादव ने कहा कि कांग्रेस ने दीक्षाभूमि (नागपुर) के लिए कुछ नहीं किया और वे(कांग्रेस के नेता) ग्वालियर की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सन 1956 में आंबेडकर ने दीक्षा भूमि पर बौद्ध धर्म अपनाया, जिससे यह उनके लाखों अनुयायियों के लिए एक पूजनीय स्थल बन गया.
कांग्रेस पर लगाए ये गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आंबेडकर का अपमान किया. हमारे देशवासी, राज्य के लोग और सभी वर्ग कांग्रेस के झूठे दिखावे के बारे में जानते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि आंबेडकर अपने जीवनकाल में किसी भी चुनाव में विजई न हों. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता और समाज सुधारक आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में हुआ था. छह दिसंबर, 1956 को नई दिल्ली में उनका निधन हो गया. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जब आंबेडकर का दिल्ली में निधन हुआ, तो कांग्रेस ने उनका अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया, जिससे उनकी पत्नी को उनके पार्थिव शरीर को विमान से मुंबई (तब बॉम्बे) ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. कांग्रेस नेताओं ने उनकी पत्नी से उनके पार्थिव शरीर को ले जाने वाले विमान (किराया) का भी पैसा लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने पापों के लिए माफी मांगनी चाहिए. इसने हमेशा डॉ. आंबेडकर का अपमान किया है.
यह भी पढ़ें- जिस बहू को बुढ़ापे का सहारा समझ कर ब्याह कर लाई थी अपने घर, उसी ने सास को उतार दिया मौत के घाट
दरअसल, इस प्रतिमा की स्थापना का विरोध करने वाले वकीलों के एक समूह और इसके समर्थन में एक अन्य समूह के बीच पिछले एक महीने से खींचतान चल रही है. इस पर अब प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि पार्टी इस महीने के अंत में एक अभियान शुरू करेगी. कांग्रेस का दावा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भाजपा द्वारा ग्वालियर उच्च न्यायालय के पीठ परिसर में आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने में “बाधाएं” पैदा की जा रही हैं.
यह भी पढ़ें- MP News: एमपी के धार्मिक जुलूसों में हथियारों का प्रदर्शन बढ़ा, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह इनसे करेंगे शिकायत