Gwalior Deputy Collector Arvind Mahor Cheated: डिपार्टमेंटल जांच में सजा कम कराने के नाम पर डिप्टी कलेक्टर से लाखों रुपये की ठगी की गई है. सीएम ऑफिस का कर्मचारी बनकर ठगों ने डिप्टी कलेक्टर अरविंद माहौर से लगभग 3 लाख रुपये ठग लिए. अरविंद माहौर पहले मुरैना जिले मे तैनात रहे और वर्तमान मे राजधानी भोपाल में पदस्थ हैं.
ठगों ने डिप्टी कलेक्टर को भी नहीं छोड़ा
घटना थाटीपुर थाना क्षेत्र के अशोक कॉलोनी में 19 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच घटित हुई. इस दौरान डिप्टी कलेक्टर के पास एक अनजान नंबर से मोबाईल पर कॉल आया था. जब उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया तो उसी नंबर से उनके कलेक्टर ऑफिस को कॉल किया गया. साथ ही सीएम पोर्टल से बात करना बताकर डिप्टी कलेक्टर द्वारा फोन कॉल रिसीव न करने की बात कही. कलेक्टर के कहने पर डिप्टी कलेक्टर ने कॉल अटेंड किया.
सीएम ऑफिस का कर्मचारी बन डिप्टी कलेक्टर से ठगे लाखों रुपये
शिकायत के अनुसार, कॉल करने वाले ने सीएम ऑफिस में विभागीय कार्रवाई में सजा कम करवाने का झांसा देकर 2.95 लाख रुपये ठग लिए. डिप्टी कलेक्टर ने मामले की शिकायत ई-एफआईआर पोर्टल पर की थी. पुलिस के अनुसार, शहर के
थाटीपुर थाना इलाके में स्थित न्यू अशोक कॉलोनी निवासी 41 वर्षीय अरविंद सिंह माहौर बतौर डिप्टी कलेक्टर सबलगढ़ में पदस्थ थे. उन्होंने थाटीपुर थाना पुलिस को बताया है कि 19 सितंबर 2025 की रात 8.17 बजे वो ग्वालियर अपने निवास पर थे. उसी समय उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया. अनजान नंबर देखकर उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं किया.
सजा कम कराने के नाम पर ठगी
हालांकि बाद में इसी नंबर से कलेक्टर ऑफिस कॉल गया, जहां विभागीय जांच संबंधी जांच की बात कही. बता दें कि डिप्टी कलेक्टर अरविंद माहौर ने कलेक्टर साहब के रिफरेंस से कॉल आया है तो इसमें उन्होंने कोई ऐतराज नहीं किया. उन्होंने उस व्यक्ति के कहने पर 19 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर के बीच अलग-अलग नंबर पर अपने ऑनलाइन वॉलेट और बैंक खातों के माध्यम से लगभग 2.95 लाख रुपये ट्रांसफर किए...
जब इतने रुपये जमा करने के बाद भी बार-बार सीएम ऑफिस के नाम पर कॉल करने वाला रुपये का डिमांड करता रहा तो डिप्टी कलेक्टर को संदेह हुआ. उन्होंने उसकी जानकारी निकाली तब पता लगा कि इस नाम का वहां कोई व्यक्ति या कर्मचारी नहीं है. कॉल करने वाला फ्रॉड है. इस पर उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे तो आरोपी ने बात करना बंद कर दिया. फिर मोबाइल फोन ही ऑफ कर दिया. इसके बाद डिप्टी कलेक्टर ने थाने मे शिकायत की. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
फरियादी अरविंद माहौर ने थाटीपुर थाने में मामला दर्ज कराया है. उन्होंने शिकायत में बताया कि ट्रूकॉलर पर जांच करने पर नंबर सीएम पोर्टल अश्वनी के नाम से शो हो रहा था.
डिप्टी कलेक्टर अरविंद माहौर पर गंभीर आरोप
बता दें कि डिप्टी कलेक्टर अरविंद माहौर पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि विवाद में आने के बाद अरविंद माहौर को सस्पेंड कर दिया गया था.