
गर्मी की मार केवल आम जनता पर ही नहीं पड़ती बल्कि कभी कभी सरकारी अफसर भी इसके लपेटे में आ जाते हैं.
ऐसा ही कुछ ग्वालियर में हुआ , यहां सीएम के प्रबुद्ध संवाद में ही बिजली चली गई फिर क्या था कलेक्टर का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और कलेक्टर साहब मंच से ही जिम्मेदार अफसरों को डांटने लगे.
ग्वालियर में विकास का रूट मैप तैयार करने के लिए प्रबुद्ध लोगों से राय मशविरा लेने के लिए संवाद कार्यक्रम रखा गया था, इस कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी ऑन लाइन जुड़ना था. इस कार्यक्रम के दौरान बिजली चली गई और काफी देर तक नहीं आई. जब बिजली को गए हुए कई घंटे हो गए तो कलेक्टर साहब का धैर्य जवाब दे गया और कलेक्टर साहब ने अधिकारियों की क्लास लगा दी.

ग्वालियर संवाद कार्यक्रम के दौरान जब काफी देर तक लाइट नहीं आई तो कलेक्टर साहब का धैर्य जवाब दे गया, उन्होंने मंच से ही बिजली अधिकारियों को फटकार लगा दी. इस कार्यक्रम में प्रदेश के सीएम भी ऑन लाइन जुड़ने थे.
दरअसल ग्वालियर के बाल भवन में आज प्रबुद्धजन संवाद चल रहा था इसमें रिटायर अफसर, रिटायर जज, प्रोफेसर , वुद्धिजीवी और उद्योग और व्यवसाय तक के जुड़े लोग आए हुए थे, आयोजन 11 बजे शुरू होना था लेकिन वहां लाइट नही थी. लाइट ना होने के कारण जेनरेटर चलाकर हॉल में कार्यक्रम शुरू कराया गया. इस आयोजन में भाग लेने नीति आयोग के उपाध्यक्ष सतीश चतुर्वेदी , सदस्य वीके सारस्वत ,सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ,कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह जैसे लोग भी मौजूद थे.
AC बंद होने से लोग हुए पसीना पसीनाहॉल का एसी बन्द होने से अतिथि से लेकर मंच पर बैठे लोग गर्मी से बेहाल होकर पसीना पसीना होने लगे तब कलेक्टर साहब ने अपने भाषण के दौरान ही माइक के सामने डायस से ही बिजली विभाग के अफसरों को कॉल करके उनकी जमकर क्लास लगा दी. खास बात ये रही कि इसके बावजूद आधा घण्टे तक बत्ती नहीं आई.
शायद कलेक्टर साहब को बिजली विभाग की अव्यवस्था का आज पता चला जबकि प्रदेश की जनता तो बिजली विभाग वालों से हमेशा से ही त्रस्त रहती है. बड़े साहब को तो आज पता चला जबकि प्रदेश की जनता का तो रोज ही ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है.