MP Today News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना (Guna) जिले के सीएचसी (CHC) के हाल बेहाल हैं. यहां सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, उसके बाद भी मरीजों को इलाज की सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है. चिकित्सा व्यवस्था की लापरवाही से पर्दा उठाने वाली एक ऐसी ही खबर आई है, जिले बमोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से. दरअसल गुना जिले के करमदी गांव के बापू भील अपनी मां को लेकर बमोरी सीएसचसी सेंटर आए थे. जहां अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिली तो मरीज को ट्रैक्टर से इलाज के लिए परिजन लेकर आए.
शाम होते ही स्टाफ के कर्मचारी गुना चले जाते हैं.
कहने को तो बमोरी के सीएचसी सेंटर के अंतर्गत लगभग 250 गांव हैं. इस लिहाज़ से डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन सहित 30 स्वास्थ्य कर्मियों का स्टाफ है.लेकिन मुख्यालय पर कोई निवास नहीं करता है. शाम होते ही स्टाफ के कर्मचारी गुना चले जाते हैं. सारा स्टाफ गुना से अप डाउन करता है. हालांकि, इस बात की खबर जिले अधिकारिय़ों को भी है, पर वो भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
"डॉक्टर्स का घंटों इंतजार करना पड़ता है"
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ग्रामीणों ने बताया कि यहां "अक्सर इलाज के लिए डॉक्टर्स का घंटों इंतजार करना पड़ता है. इन दिनों बारिश की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बीमारी से पीड़ित हैं. ऐसे में जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित बमोरी सीएससी सेंटर ही उनके इलाज के लिए सबसे नजदीकी ठिकाना है.लेकिन यहां अस्पताल स्टाफ की लापरवाही और मनमानी पूर्ण रवैये से बीमार लोगों को इलाज समय पर नहीं मिल पा रहा है."
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