MP के अतिथि शिक्षकों ने गांधी जयंती पर फिर खोला मोर्चा, आंखों में पानी, ये है पूरी कहानी

Guest Teachers in MP: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवराज ने कहा था कि अतिथि शिक्षकों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. गुरूजी नियमितीकरण प्रक्रिया की तरह अतिथि शिक्षकों को भी पात्रता परीक्षा आयोजित की जाकर नियमित किये जाने की योजना बनाई जायेगी. लेकिन अभी तक अतिथि शिक्षक परेशान हैं. आए दिन विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं. इनकी अपनी कई मांगे हैं. आइए देखिए NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट.

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Guest Faculty Protest in Bhopal: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के अतिथि शिक्षकों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर नियमितीकरण की मांग को लेकर अलग-अलग जिलों से बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक राजधानी भोपाल (Bhopal) के अंबेडकर पार्क (Ambedkar Park) पहुंचे. यहां से सीएम हाउस (CM House) जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस (Police) ने अंबेडकर पार्क के पास ही बैरिकेड्स लगाकर इन्हें रोक दिया गया. बीते दिन भी अतिथि शिक्षकों ने बड़ा प्रदर्शन किया था, जिसके बाद स्कूल शिक्षा (School Education) मंत्री ने अतिथि शिक्षकों (Guest Faculty) को लेकर विवादित बयान दिया और कहा था कि "इनका नाम ही अतिथि है. अतिथि यानी मेहमान बनकर आओगे तो क्या घर पर कब्जा कर लोगे". इस बयान को लेकर अतिथि शिक्षकों में नाराजगी है. अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री को भी जमकर खरी खोटी सुनाई. अतिथि शिक्षकों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हम 15 साल से पढ़ा रहे हैं, लेकिन हमें हटा दिया जाता है. हमारी मांग है कि हमें नियमित किया जाए. इसके अलावा भी इन्होंने कई मांगों को गिनाया. कईयों की आंखों में आंसू छलक उठे. 

ये भी हैं मांगे

  • अतिथि शिक्षकों को पीरियड नहीं बल्कि महीने के हिसाब से मानदेय दिया जाए.
  • एक साल के लिए पूरा अनुबंध हो, इसे हर साल आगे बढ़ाया जाए.
  • शिक्षक भर्ती में 25% का आरक्षण था, उसे बढ़ाकर 50% किया जाए.
  • हर महीने एक निश्चित तारीख पर मानदेय मिलने की व्यवस्था की जाए.
  • पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में योजना बनाई जाए.
  • साल के बीच में कोई गैप न हो, ना ही किसी अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्त की जाए.

इनका दर्द भी सुनिए

प्रदर्शन के दौरान तेज धूप की वजह से कई अतिथि शिक्षक बेहोश हो गए. कई बार पुलिस से झड़प भी हुई. अतिथि शिक्षक प्रह्लाद विश्वकर्मा ने पुलिस के सामने रोते-रोते अपनी आपबीती सुनायी. वहीं विदिशा जिले में अंग्रेजी विषय के अतिथि शिक्षक ने बताया की प्रिंसिपल ने कहा कल से मत आना क्योंकि उनके पद पर अतिशेष शिक्षक को पदस्थ कर दिया गया है. कई शिक्षकों ने कहा कि बीते कुछ महीने से मानदेय नहीं मिला है, जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

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