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हाईकोर्ट के आदेश पर 96 साल के बुजुर्ग को मिलेंगे 58 लाख रुपये, जानें क्यों फैसले की हो रही तारीफ?

Freedom Fighter Ram Sahay Khare: सच को सच बताने में और सिद्ध करने में सालों लग गए, तब कहीं जाकर मध्य प्रदेश की सरकार और टीकमगढ़ जिला प्रशासन को यकीन हुआ कि 96 साल के बुजुर्ग राम सहाय खरे सच में फ्रीडम फाइटर हैं. भला हुआ जो सरकार से हताश होने के बाद खरे ने खुद को फ्रीडम फाइटर बताने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया था.

हाईकोर्ट के आदेश पर 96 साल के बुजुर्ग को मिलेंगे 58 लाख रुपये, जानें क्यों फैसले की हो रही तारीफ?
हाईकोर्ट के आदेश पर 96 साल के बुजुर्ग को अब सरकार देगी 58 लाख रुपये, वजह जानकर आप भी करेंगे फैसले की तारीफ.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के बम्होरी कला के रहने वाले 96 साल के बुजुर्ग रामसहाय खरे को आख़िरकार हाईकोर्ट जबलपुर से बड़ी राहत मिली है.  कोर्ट ने उनका नाम फ्रीडम फाइटर की सूची में जोड़ने का निर्देश दिया है. टीकमगढ़ कलेक्टर ने इस मामले पर सामान्य प्रशासन विभाग वल्लभव भवन भोपाल के आदेश का पालन करते हुए बुजुर्ग का नाम फ्रीडम फाइटर की सूची में जोड़ा है.

 तीस हजार रुपये प्रतिमाह दी जाएगी पेंशन

टीकमगढ़ जिला मुख्यालय का चित्र.

टीकमगढ़ जिला मुख्यालय का चित्र.

बता दें,  जबलपुर हाईकोर्ट ने 1995 से लेकर अभी तक का एरियर देने के निर्देश भी दिया है, जिसमे बुजुर्ग रामसहाय खरे को 18,07,1995 से राज्य सम्मान निधि की राशि पर 6 प्रतिशत ब्याज भी दी जाएगी. यानी कुल 58,02,283 रुपये बुजुर्ग के बचत खाते में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. खास बात ये भी है कि बुजुर्ग को फ्रीडम फाइटर की मासिक पेंशन 30,000 रुपये प्रतिमाह दी जाएगी.

भारत छोड़ों आंदोलन से जुड़े थे राम सहाय

फ्रीडम फाइटर राम सहाय खरे चित्र में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ में लिए हुए.

फ्रीडम फाइटर राम सहाय खरे चित्र में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ में लिए हुए.

फ्रीडम फाइटर रामसहाय खरे ने NDTV से कहा "वो 8 अगस्त 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़े थे. महात्मा गांधी के इस आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लिया था, जिसको लेकर उनको काफी संघर्ष करना पड़ा था.  आजादी की लड़ाई के चलते इनकी 20 एकड़ पैतृक खेती की जमीन अंग्रेजों द्वारा अधिग्रहण कर ली गई थी."

फ्रीडम फाइटर ने NDTV से साझा किया दर्द

NDTV से बात करते हुए खरे ने कहा, टीकमगढ़ में दर्जनों कलेक्टर आए मगर उन्होंने इनको फ्रीडम फाइटर नहीं माना. मगर यह निरंतर संघर्ष करते रहे. जब प्रशासनिक अधिकारियों से बात नहीं बनी तो वो फिर अपने साक्ष्य लेकर 2020 में हाईकोर्ट जबलपुर में एक रिट दायर की. इसके चार साल बाद अहम निर्णय आया.इस केस पर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग को तलब किया. हाईकोर्ट ने फ्रीडम फाइटर की सूची में बुजुर्ग का नाम शामिल करके 58 लाख रुपये से अधिक की राशि देने के निर्देश का दिया. 

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जीत पर जताई खुशी 

अब टीकमगढ़ कलेक्टर ने रामसहाय खरे का नाम फ्रीडम फाइटर की सूची में जोड़कर यह राशि उनके खाते में जल्द डालने का आदेश जारी किया है. फ्रीडम फाइटर रामसहाय खरे ने अपनी जीत पर खुशी जताई है. साथ ही जबलपुर हाईकोर्ट, जिला कलेक्टर और मध्यप्रदेश शासन का धन्यवाद किया है.

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