Good News: MP के नाम एक और बड़ी उपलब्धि, तवा जलाशय रामसर साइट घोषित, PM मोदी-CM मोहन यादव ने दी बधाई

MP News: तवा जलाशय मध्य भारत में तवा नदी पर बना एक वृहद जलाशय है. इस जलाशय का निर्माण 1958 में तवा बांध के निर्माण से हुआ था. यह बांध नर्मदापुरम और हरदा जिलों के कई हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई प्रदान करता है. पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. तवा जलाशय सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और बोरी वन्य-जीवन अभ्यारण की पश्चिमी सीमा से मिलता है. इस जलाशय से आसपास के क्षेत्रों को बिजली भी उपलब्ध होती है.

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List of India's Ramsar Sites: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने नर्मदापुरम जिले के इटारसी में स्थित तवा जलाशय (Tawa Reservoir) को रामसर साइट (Ramsar Site) घोषित किए जाने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है. यह देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश के लिए भी गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के मार्गदर्शन में प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत आर्द्रभूमि के संरक्षण के हर संकल्प के लिए प्रदेशवासी भी जागरूक और दृढ़ संकल्पित हैं.

पीएम मोदी और पर्यावरण मंत्री ने भी दी बधाई

इस उपलब्धि पर पीएम मोदी ने भी बधाई देते हुए ट्वीट किया है.

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केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने स्वतंत्रता दिवस 2024 की पूर्व संध्या पर कहा कि भारत ने तीन और वैटलैंड्स को को रामसर साइटों के रूप में नामित करके अपनी रामसर साइटों (अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वैटलैंड्स) की संख्या मौजूदा 82 से बढ़ाकर 85 कर दी है. एक्स पर एक पोस्ट में, यादव ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर तीन रामसर साइटों को शामिल करने पर खुशी व्यक्त की.

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यादव ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने, हमारी वैटलैंड्स को अमृत धरोहर कहने और उनके संरक्षण के लिए निरंतर काम करने पर दिए गए जोर को दर्शाती है.

केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु और मध्य प्रदेश राज्यों को बधाई दी जिनकी वैटलैंड्स को रामसर स्थलों में जोड़ा गया है. यादव ने यह भी कहा कि भारत को यह संकल्प लेने की जरूरत है कि विकसित भारत एक ग्रीन भारत है.

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इस वृद्धि के साथ, देश में रामसर स्थलों का क्षेत्रफल 1358067.757 हेक्टेयर तक पहुंच गया. शामिल किए गए तीन नए स्थल तमिलनाडु में नंजरायन पक्षी अभयारण्य और काज़ुवेली पक्षी अभयारण्य और मध्य प्रदेश में तवा जलाशय हैं. ये नई नामित साइटें देश में वैटलैंड्स संरक्षण और प्रबंधन के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से महत्वपूर्ण नीतिगत प्रोत्साहन इसका प्रमाण हैं.

भारत 1971 में रामसर, ईरान में हस्ताक्षरित रामसर कन्वेंशन के अनुबंध पक्षों में से एक है. भारत 1 फरवरी 1982 को कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्ता बन गया. 1982 से 2013 के दौरान, कुल 26 साइटों को रामसर साइटों की सूची में जोड़ा गया था. हालांकि, 2014 से 2024 के दौरान, देश ने रामसर साइटों की सूची में 59 नई वैटलैंड्स जोड़ी हैं. वर्तमान में, तमिलनाडु में सबसे अधिक संख्या में रामसर साइटें (18 साइटें) हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश (10 साइटें) हैं.

ऐसा है तवा जलाशय

तवा जलाशय मध्य भारत में तवा नदी पर बना एक वृहद जलाशय है. इस जलाशय का निर्माण 1958 में तवा बांध के निर्माण से हुआ था. यह बांध नर्मदापुरम और हरदा जिलों के कई हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई प्रदान करता है. पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. तवा जलाशय सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और बोरी वन्य-जीवन अभ्यारण की पश्चिमी सीमा से मिलता है. इस जलाशय से आसपास के क्षेत्रों को बिजली भी उपलब्ध होती है.

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