Madhya Pradesh News: इस दिनों पूरे देश मे होली के रंग देखे जा रहे हैं. यह रंगोत्सव (Festival of Colors) होलिका दहन (Holika Dahan) के दिन से शुरू होकर पांच दिनों यानी रंग पंचमी तक चलता है. इस दौरान लोग रंग-गुलाल उड़ाने पर काफी पैसा खर्च करते हैं, लेकिन ग्वालियर जिले (Gwalior District) के एक थाने (Police Station) की पुलिस (MP Police) ने होली पर कुछ अलग ही किया. थाने के लोगों ने रंग और गुलाल पर ख़र्च होने वाले पैसे आपस में जमा किये और वर्षों से झोंपड़ी में रहकर गुजर-बसर कर रही एक बुजुर्ग महिला के लिए टीन शेड से एक मजबूत घर अपने हाथों से बनाकर दिया. पुलिस द्वारा दिए गए इस होली गिफ्ट (Holi Gift) की चर्चा ग्वालियर से लेकर राजधानी भोपाल (Bhopal) तक हो रही है.
ऐसे बना इस अनूठी होली का प्लान
होली का त्योहार आपसी भाई चारा और शांति से सम्पन्न हो इसलिये ग्वालियर पुलिस अधीक्षक (Gwalior Superintendent of Police) धर्मवीर सिंह ने निर्देश दिये थे कि होली से पहले सभी थानों में शांति समिति की बैठक की जाये, जिसके पालन में हस्तिनापुर थाने में यह बैठक आयोजित हुई. इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उत्तर शियाज़ केएम, एसडीओपी (SDOP) बेहट संतोष कुमार पटेल व थाना प्रभारी राजकुमार राजावत के द्वारा शांति समिति की बैठक ली गई.
गृह प्रवेश पर थाना प्रभारी ने कन्या भोज भी कराया
पुलिस अधिकारी बैठक से ही सीधे मौक़े पर पहुंचे तो हालात देखकर सभी दुखी हो गए, उस महिला की बहुत ही दयनीय स्थिति थी. वो जिस झोपड़ी में रह रही थी वो जगह-जगह टूटी हुई थी. पुलिस ने होली के दूसरे दिन यानी 26 मार्च मंगलवार को जब थाने पर पुलिस की होली खेली जाती है तब सभी अफसर थाने से सीधे उसी झोंपड़ी पर पहुंचे. सभी ने खुद अपने हाथों के गैंती-फावड़ा लेकर गड्ढे खोदे और पिलर गाड़े. उसके बाद मौक़े पर एसडीओपी संतोष पटेल व हस्तिनापुर की पुलिस ने अपने हाथों से टीन शेड लगाया व अग़ल-बग़ल लकड़ी की टटिया बनाकर ग्रीन नेट से सजाया. इसके साथ ही लिपाई-पुताई करके उस जगह को रहने योग्य बनाया और नया आशियाना बनाकर दिया.
फिर वोट जागरूकता रैली निकाली
इसके बाद पुलिस और प्रशासन के लोगों ने हस्तिनापुर थाने से रंगों की फेरी निकली जिसमें पुलिस के साथ गांव वाले ढोल- बाजे के साथ निकले. एसडीओपी बेहट संतोष पटेल ने जगह जगह लोगों को चुनाव जागरूकता गीत गाया जिसके बोल थे- रंग गुलाल लगाना है, वोट डालने जाना है. वोट डालना बहुत ज़रूरी, वोट के बिन ज़िंदगी अधूरी. लोकतंत्र का जश्न मनाना है-वोट डालने जाना है.
पुलिस का क्या कहना है?
एसडीओपी बेहट संतोष पटेल का कहना है कि यह पहल छोटी है लेकिन यह पुलिस की वर्दी पहनने के बाद मानवता के रंग दिखाने वाली पहल है. इसमें टीम के कप्तान थाना प्रभारी राजकुमार राजावत के साथ कदम से कदम मिलाकर खाकी का सम्मान बढ़ाने वाले सउनि वीर सिंह, हवलदार मनोज, वकील सिंह, आरक्षक सुनील परिहार,देशराज,धर्मेंद्र पवैया, राघवेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह,शिवम सिंह, रघुवंशी राठौर,सर्वेश गुप्ता, नागेश शर्मा, सत्येंद्र धाकड़ की सराहनीय भूमिका रही. हम सबके जीवन में इससे सचमुच गर्व का अमिट रंग भर गया.
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