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Gandhi Jayanti: सतना जेल के इतने कैदियों को मिली रिहाई, जाने कैसे 'आजाद' हुए 'परिंदे'

Gandhi Jayanti 2024: गांधी जयंती के मौके पर सतना सेंट्रल जेल से 8 कैदियों को सलाखों से आजादी मिल गई है. सबसे रोचक मामला छतरपुर के कैदी के साथ हुआ, यहां एक कैदी की रिहाई जुमार्ना राशि की वजह से अटक रही थी, लेकिन परिजनों ने कुछ ही वक्त में पैसों का इंतजाम करके जेल से बाहर करवाया. जानिए क्या है पूरा मामला?

Gandhi Jayanti: सतना जेल के इतने कैदियों को मिली रिहाई, जाने कैसे 'आजाद' हुए 'परिंदे'

Gandhi Jayanti 2024: जेल (Jail) बंदियों की रिहाई की कानूनी प्रक्रिया के बीच केन्द्रीय कारागार (Central Jail Satna) सतना में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के विशेष मौके पर दिलचस्प मामला देखने को मिला. यहां अच्छे आचरण के बाद भी एक बंदी की रिहाई पर जुर्माने वजह से पेंच फंस गया था, लेकिन आनन-फानन में परिजनों ने कुछ घंटों के अंदर ही 3 लाख 90 हजार रुपए की जुर्माना राशि जमा करके सभी को अचंभित कर दिया. अब वह बंदी अन्य कैदियों के साथ अब जेल के बाहर आ चुका है. वह अब अपने परिवार के साथ आगे का जीवन गुजार सकेगा. यह बंदी छतरपुर जिले का निवासी है, जिसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास और 3.90 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही अन्य कैदियों को भी रिहाई दी गई है. इस मौके पर जेल अधीक्षक ने गिफ्ट भी दिया.

पहले जानिए छतरपुर के कैदी का मामला

केन्द्रीय जेल में सजा काट रहे बंदी को आजीवन कारावास और 3 लाख 90 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. बंदी जेल की सजा भुगत रहा था, लेकिन जुर्माना अदा नहीं कर सका. जैसे ही यह बात उसके परिजनों तक पहुंची कि रिहाई में जुर्माने की राशि बाधा बन रही है, उन्होंने तुरंत इसका प्रबंध कर जेल कोष में राशि जमा कराई. इसके बाद उस बंदी की रिहाई हो सकी.

छतरपुर निवासी इस बंदी ने जमीनी विवाद के चलते अपने ही क्षेत्र के रहने वाले तीन लोगों की हत्या कर दी थी. वर्ष 2010 में वारदात को अंजाम दिया गया था. उसी के सिलसिले में पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था. इसके बाद कोर्ट ने 2012 में आजीवन कारावास की सजा सुना दी. अब तक उसकी सजा के 14 पूरे हो चुके हैं, क्योंकि घटना के बाद से ही वह जेल में है.

जुर्माने नहीं चुकाने पर 10 साल जेल में गुजारने पड़ते

जेल अधीक्षक लीना कोष्ठा ने बताया कि कोर्ट से अर्थदंड भी लगाया गया था. जिसे परिजनों को जेल में जमा करना था. पैसे जमा नहीं होने पर उसे दस साल और जेल में गुजारने पड़ते.

गांधी जयंती पर रिहा कैदियों को मिला गिफ्ट

गांधी जयंती के अवसर पर केंद्रीय जेल से 8 बंदियों की रिहाई की गई है, सभी रिहा किए बंदियों को केंद्रीय जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने एक-एक पेड़ देकर उसे संरक्षित करने के लिए भी कहा है. सभी को आगे का व्यवहार अच्छा रखने को कहा गया है. केंद्रीय जेल से गांधी जयंती पर रिहा होने वाले आठ बंदियों में से एक सतना जिले का है, जबकि छतरपुर जिले के चार बंदी और पन्ना जिले के तीन बंदी शामिल हैं.

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