
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद, प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक ताराचंद पटेल (84) का सोमवार को निधन हो गया. उनके निधन की खबर से प्रदेश में शोक की लहर है. खबर है कि उनके निधन को कांग्रेस पार्टी और रेवा गुर्जर समाज पूर्णीय क्षति मान रहा है. स्वर्गीय ताराचंद पटेल के भतीजे एवं राजनीतिक उत्तराधिकारी प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री नरेंद्र पटेल ने बताया कि वह 1994 में बड़वाह विधानसभा से विधायक रहे. साल 1999 में खरगोन संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रहे.
शिक्षा में दिया अहम योगदान
स्वर्गीय ताराचंद पटेल ने सामाजिक रूप से अपने गुर्जर समाज के उत्थान के लिए खूब योगदान दिया. शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने पढ़ाई के लिए स्कूल व कालेज की सौगात दी. साथ ही उन्होंने सर्वप्रथम सामूहिक विवाह की शुरुआत 1982 में रेवा गुर्जर समाज से ही की थी जिसमें उन्होंने 101 जोड़े का सामूहिक विवाह किया था. साथ ही सांसद और विधायक रहते हुए अपने क्षेत्र के विकास के लिए खरगोन जिले में नहरों का जल भी ताराचंद के कार्यकाल की उपलब्धि है. नरेंद्र पटेल ने भावुक होते हुए कहा, "कांग्रेस के पुरोधा के रूप में आज भी क्षेत्र के लोगों में आपका सम्मान है."
शहर में निकाली गई शवयात्रा
मिली जानकारी के मुताबिक, एक बड़े ट्रॉले में कांग्रेस के तिरंगे झंडे में शव को लपेटकर अर्थी सजाई गई थी. जिसके बाद शव यात्रा नगर के मोरटक्का चौराहा सुभाष चौक चमोली मोहल्ला होते हुए मंडी चौराहा पहुंची. बताया जा रहा है कि खरगोन रोड स्थित रेवा गुर्जर महाविद्यालय परिसर में अर्थी रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई. जिसके बाद वह बैकुंठ रथ से टोकसर की ओर रवाना हुए. समाज के लोगों ने "ताराचंद पटेल अमर रहे" के नारे लगाए.
नर्मदा तट किया गया अंतिम संस्कार
खबर के मुताबिक, कसरावद विधायक एवं पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव भी शव यात्रा में शामिल हुए. उन्होंने ताराचंद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे कांग्रेस पार्टी की बड़ी क्षति होना बताया जो अपूर्णीय है. शव यात्रा में वाहनों का एक बड़ा काफिला के साथ बड़वाह और सनावद तहसील के हजारों लोग शामिल हुए. बताया जा रहा है कि टोकसर स्थित नर्मदा तट पर स्वर्गीय ताराचंद पटेल का अंतिम संस्कार किया गया है.