
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भाजपा ने याद किया. देश की विदेश मंत्री रही और भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार की जाने वाली नेत्री सुषमा स्वराज की आज चौथी पुण्यतिथि है. इस दौरान भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके किए कार्यों को याद किया.
इस दौरान भाजपा के नेता मुकेश टंडन ने कहा कि "दीदी का चौथा स्मरण दिवस है, इसे पूरा प्रदेश मना रहा है. दीदी की कमी भारतीय राजनीति में हमेशा खलेगी. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था. दीदी हमेशा न्याय और सच्चाई के लिए संघर्ष करती थी."
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी थी विदिशा को अनेक सौगात
विदिशा की सांसद रही सुषमा स्वराज ने विदिशा को अनेक सौगातों से नवाजा है, मेडिकल कॉलेज, गुलाबगंज होते हुए विदिशा से गंजबासौदा रोड, ऑडिटोरियम जैसी अनेक सौगात विदिशा को सुषमा स्वराज की ही देन है. सुषमा स्वराज ने ही विदिशा को दुनिया भर में पहचान दिलवाई थी.
विदिशा को देश विदेश मे पहचान दिलवाने में रहा था विशेष योगदान
विदिशा को देश और दुनियांं में पहचान दिलवाने वाली सुषमा स्वराज को जो सम्मान मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है. सुषमा स्वराज की हर पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा लगाने का दावा किया जाता है लेकिन कई सालों के बाद भी देश की पूर्व विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज की आज तक एक प्रतिमा भी स्थापित नहीं हो सकी है. प्रतिमा स्थापित होना तो बहुत दूर की बात है आज तक उनके नाम का कोई भवन ही नहीं बन सका है.
दो साल पहले किया गया सीएम शिवराज सिंह चौहान का दावा भी कागजी निकला
करीब दो साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी मूर्ति विदिशा के ऑडोटोरियम में लगाने की घोषणा की थी लेकिन वो घोषणा भी कागजी ही निकली. देश की विदेश मंत्री रही लोकप्रिय नेत्री सुषमा स्वराज का सपना भी था कि विदिशा में एक भव्य ऑडिटोरियम बने जिसमें विदिशा की प्रतिभाएं अपनी प्रतिभा को निखारकर देश के सामने ला सके. लेकिन ये विदिशा का दुर्भाग्य है कि 5 साल से इस ऑडिटोरियम में राजनैतिक दलों के सम्मेलन, सरकारी कार्यक्रम के अलावा कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ ही नहीं. ऑडिटोरियम की हालत भी बहुत अच्छी दिखाई नहीं देती है, ऑडिटोरियम में चारो तरफ मधुमक्खी के छत्ते उसकी बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहे है. ऑडिटोरियम के बाहर अतिक्रमण की भी भरमार है.