विज्ञापन

Corruption in MP: 5 जिलों में 500 करोड़ रुपये का घोटाला ! अब आरोपी पूर्व मुख्य सचिव बैंस व ललित मोहन पर लोकायुक्त ने कसा शिकंजा

Corruption in Madhya Pradesh News: कांग्रेस के पूर्व विधायक सकलेचा ने कहा कि ऑडिटर जनरल ने 2018-19 से 2021-22 के 4 वर्षों में आठ जिलों की जांच में ₹ 481.79 करोड़ का घोटाला पाया .  जिसका प्रतिवेदन मार्च 2025 में विधानसभा के पटल पर रखा गया. सकलेचा ने कहा कि 2018 से 2021 तक पोषण आहार में वितरण, परिवहन और गुणवत्ता के संबंध में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया, जिसकी पुष्टि ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट से भी होती है.

Corruption in MP: 5 जिलों में 500 करोड़ रुपये का घोटाला ! अब आरोपी पूर्व मुख्य सचिव बैंस व ललित मोहन पर लोकायुक्त ने कसा शिकंजा

Corruption in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के पांच जिलों में 500 करोड़ रुपये के घोटाले का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोप है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस (Iqbal Singh Bains) और आजीविका  मिशन के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित मोहन बेलवाल (Lalit Mohan Belwal) इन घोटालों को अंजाम दिया था. लेकिन, अब इनके खिलाफ पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर लोकायुक्त (Lokayukta) ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने  28 अगस्त 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह , राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा , पूर्व नेता प्रतिपक्ष  डॉक्टर गोविंद सिंह आदि नेताओं के साथ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज दर्ज कराई है. इन लोगों ने अपनी शिकायत में कहा था कि बैंस और बेलवाल ने पोषण आहार  व कई दूसरी योजनाओं में वर्ष 2018-19 से 2021-22 के 4 वर्षों के दौरान 8 जिलों में 500 करोड़ के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया. उन्होंने बताया कि बाकायदा इसका उल्लेख ऑडिटर जनरल ने मार्च 2025 में विधानसभा में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में भी किया.

ऐसे किया घोटाला

सकलेचा ने कहा कि इकबाल सिंह बैंस ने पंचायत विभाग के अपने कार्यकाल में 2017 में अपने चहेते बेलवाल को वन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाकर आजीविका मिशन का सीईओ बना दिया. दोनों ने षड्यंत्र पूर्वक पोषण आहार बनाने वाली सातों फैक्ट्री का कार्य एग्रो इंडस्ट्री कॉरपोरेशन से लेकर आजीविका मिशन को दे दिया.

शिवराज सरकार में हुआ बड़ा 'खेला'

दिसंबर 2018 में कमलनाथ सरकार बनने पर आजीविका  मिशन में घोटाले को देखते हुए सातों फैक्ट्री का कार्य पुनः एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन को दे दिया गया . हालांकि, 23 मार्च 2020 को फिर से शिवराज सरकार के आने पर दूसरे दिन ही इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया गया. इसके बाद बैंस ने  जून 2020 में 2018 में सेवानिवृत्ति ललित मोहन बेलवाल को एक वर्ष के लिए कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर आजीविका मिशन का पुनः मुख्य कार्यकारी अधिकारी बना दिया. इस दौरान, पंचायत विभाग के तत्कालीन एसीएस मनोज श्रीवास्तव की आपत्ति को भी दरकिनार कर दिया गया . बेलवाल की नियुक्ति पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया ने भी आपत्ति ली थी. बेलवाल की नियुक्ति के तत्काल बाद एक बार फिर से पोषण आहार बनाने वाली सातों फैक्ट्री का कार्य एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन से लेकर आजीविका मिशन को दे दिया गया.  

ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट से खुले राज

सकलेचा ने कहा कि ऑडिटर जनरल ने 2018-19 से 2021-22 के 4 वर्षों में आठ जिलों की जांच में ₹ 481.79 करोड़ का घोटाला पाया .  जिसका प्रतिवेदन मार्च 2025 में विधानसभा के पटल पर रखा गया. सकलेचा ने कहा कि 2018 से 2021 तक पोषण आहार में वितरण, परिवहन और गुणवत्ता के संबंध में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया, जिसकी पुष्टि ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट से भी होती है.

बहुत बड़ा है ये घोटाला

सकलेचा ने कहा कि घोटाले का स्वरूप इतना विशाल है कि ऑडिटर जनरल को दी गई रिपोर्ट में महिला बाल विकास विभाग ने बताया कि पोषण आहार घोटाले को लेकर 73 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. 36 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की गई. इसके बाद 11 अधिकारियों के खिलाफ दंडादेश  जारी हुए. वहीं, 9 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई. इसके अलावा,  तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों के प्रकरण अनुशासनात्मक कार्रवाई  हेतु शासन को भेजे गए.

आरोपी ने प्रताड़ना का लगाया आरोप

सकलेचा ने अपने आवेदन में कहा कि इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल में ललित मोहन बेलवाल की ओर से नियुक्ति में घोटाले की आईएएस अधिकारी नेहा मरव्या द्वारा की गई जांच में  शासकीय दस्तावेज और नोटशीट में छेड़छाड़ और आर्थिक अनियमितता के प्रमाण के बाद भी बेलवाल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके विपरीत इकबाल सिंह बैंस ने आरोप लगाया कि मरवा का‌ डेडलाइन में तबादला कर उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी गई .   यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बेलवाल के विरुद्ध  सामाजिक कार्यकर्ता भूपेंद्र प्रजापति ने कई शिकायतें लोकायुक्त में की, लेकिन लोकायुक्त ने उन शिकायतों की जांच करने के लिए बेलबाल को ही दे दी और बेलबाल को क्लीन चिट दे दी गई. आईएएस नेहा मारव्या की जांच रिपोर्ट में भी बेलवाल के विरुद्ध हुई शिकायतों की जांच बेलबाल की ओर से ही करना बताया गया.

घोटाले में साथ नहीं दिया, तो अफसरों को लगा दिया किनारे

इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल में 26 आईएएस अधिकारियों को इसलिए साइड लाइन में कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने उनके चहेतों के भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं दिया. मई 2020 से जनवरी 2023 तक महिला बाल विकास के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रहे अशोक शाह जो 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त हो गए थे. उन्होंने बेलवाल द्वारा किए गए करोड़ों की आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार और घोटाले को दबाने के उपहार स्वरूप 50 वर्ष पुरानी संस्था, चीफ टेक्निकल परीक्षण विजिलेंस ( CTE )  को खत्म कर नई संस्था एमपी वर्क क्वालिटी कंट्रोल (MPWQC) बनाकर उसका डायरेक्टर जनरल 2 अप्रैल 2023 को बना दिया.

Ladli Behna Yojana: अब इस तारीख से लाडली बहनों को हर महीने मिलेंगे 1500 रुपये, पर उठ रहे हैं ये गंभीर सवाल

सकलेचा ने कहा कि पोषण आहार में आठ जिलों की जांच में ऑडिटर जनरल ने लगभग 500 करोड़ का घोटाला मात्र 4 वर्षों में पाया. यदि 52  जिलों की जांच की जाएगी, तो यह घोटाला इससे कई गुना बड़ा निकलेगा. 

Pradeep Patel Murder: ...तो क्या प्रदीप पटेल की भी राजा रघुवंशी की तरह पत्नी ने करा दी थी हत्या, मृतक की मां ने लगाए ये गंभीर आरोप
 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close