
MP News in Hindi: मध्य प्रदेश हमेशा से जंगल से समृद्ध माना जाता है. यहां वनों की सुरक्षा के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है. लेकिन, इनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिन पर है, जब वही कर्मचारी नियत बिगाड़ लें, तो यह योजनाएं फलीभूत कभी नहीं हो सकती है. ऐसा ही उदाहरण सीहोर (Sehore) जिले के रेहटी वन परिक्षेत्र से सामने आया है. यहां एक बीट गार्ड ने ही पौधों की सुरक्षा के लिए लगने वाली तार फेंसिंग (Wire Fencing Stolen) को गायब कर दिया. इसके बाद खुद ही थाना में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई. मामला खुला तो विभाग के आला अफसरों ने बीट गार्ड को निलंबित कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
मामला सीहोर जिले के रेहटी वन परिक्षेत्र की बीट खजूरी से जुड़ा है. यहां चार थानों पर पौधारोपण किया गया है. इन पौधों की सुरक्षा के लिए 13 लाख 65 हजार रुपये की तार फेंसिंग बीट गार्ड रघुवीर सिंह चौहान को विभाग ने दी है. लेकिन, बीट गार्ड ने इस तार फेंसिंग की खुद ही चोरी कर लिया.

डीएफओ ने मामले में लिया कड़ा एक्शन
उसने षडयंत्र रच कर ग्राम चकल्दी लोडिंग ऑटो वाले से बात कर कहा कि तार फेंसिंग के करीब 100 बंडल तुम कबाड़े के दुकान पर रख दो. जब ऑटो चालक यह बंडल लेकर आ रहा था, तो बीट गार्ड ने ही रेहटी थाने में तार चोरी होने की झूठी शिकायत कर दी और चालक और कबाड़ी को पकड़वा दिया. इसके बाद जांच में इस षडयंत्र का खुलासा हो गया.
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डीएफओ ने लिया एक्शन
पुलिस ने जब ऑटो चालक को पकड़ा तो मामले की सच्चाई सामने आई. डीएफओ एसएस डाबर ने जांच के बाद बीट गार्ड को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया और तार फेंसिंग की राशि बीट गार्ड के वेतन से वसूल करने की बात कही. बताया गया कि वनरक्षक ने वर्ष 2019 में भी विभाग में गबन किया था, जिसे पूर्व में भी सस्पेंड किया जा चुका है.
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