
MP Police Department : जब से मऊगंज नया जिला बना है, तब से यहां एक के बाद एक घटनाएं घटी हैं. हत्या, हिंसा, मारपीट और विवाद की खबरें आम रही हैं. यानी जिले की स्थापना के साथ ही क्राइम का ग्राफ बढ़ने लगा. इसको लेकर सरकार और पुलिस महकमे ने बड़ी पहल की, ताकि शांति और बेहतर कानून व्यवस्था स्थापित हो सके जिले में. इसी को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस विभाग ने बड़ा कदम उठाया है.
मऊगंज जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ और अपराध नियंत्रण को प्रभावी बनाने की दिशा में पुलिस विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सोनी ने बताया कि जिले की पिपराही, खटखरी, भीर और हाटा पुलिस चौकियों को अब थानों में बदला जाएगा. इसके साथ ही सीतापुर, बहेराडाबर, जड़कुड, पहाड़ी और बहुती में नई पुलिस चौकियों की स्थापना का प्रस्ताव तैयार कर पुलिस मुख्यालय को भेजा गया.
यहां सरकार ने किया था ये बड़ा बदलाव

एसपी सोनी ने यह भी जानकारी दी कि जिले में पुलिस बल की ताकत बढ़ाने के लिए विशेष सशस्त्र बल (एसएफ) की दो बटालियन की भी मांग की गई है. जिला बनने के बाद मऊगंज में शिखा कांड, पुलिस पिटाई कांड, देवरा महादेवन दंगा कांड और गडरा कांड जैसी घटनाओं ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने को मजबूर किया. इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने मऊगंज में नए कलेक्टर और एसपी की नियुक्ति की थी.
मई के अंतिम सप्ताह तक आ सकते हैं सीएम
इस बीच, मुख्यमंत्री मोहन यादव मई के अंतिम सप्ताह में देवतालाब क्षेत्र में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. संभावना जताई जा रही है कि वे इस दौरान पुलिस थानों, चौकियों और एसएफ बटालियन सहित कई अहम घोषणाएं कर सकते हैं. स्थानीय प्रशासन को उम्मीद है कि इन कदमों से मऊगंज जिले में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के मोर्चे पर मजबूती आएगी.कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने के उद्देश्य एक बड़ा फैसला लिया गया है , मऊगंज जिले में लगातार कई घटनाएं हो रहे हैं.
इन घटनाओं को लेकर चर्चा में रहा मऊगंज
1.मऊगंज का शिखा कांड
2 बरांव में पुलिस पिटाई कांड
3 दो पक्षों में अतिक्रमण को लेकर महादेवन कांड
4 शाहपुर हिंसा का गडरा कांड
5 जमीन को लेकर अक्सर विवाद
6.बॉर्डर चेकपोस्ट पर मारपीट
7.नशे का अवैध परिवहन
8 वृद्ध दंपत्ति की अंधी हत्या
7.सीमांकन करने गए तहसीलदार के साथ मारपीट
8.खजुरहन मंदिर के वक्फ बोर्ड को आवंटित जमीन को लेकर दो पक्षों आमने सामने
मऊगंज जिले का उत्तरी और पूर्वी सीमा उत्तर प्रदेश से लगा हुआ है, जहां अपराधियों को बचने में मदद मिलती है. पर्याप्त पुलिस बल नहीं रहने के कारण अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस को काफी पसीना बहना पड़ता है. अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि संवेदनशील पिपराही चौकी में सिर्फ एक कर्मचारी है.
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