
MP NEWS: नर्मदा नदी क्षेत्र और अंजड़ कस्बे की सुसाड नदी में इन दिनों अवैध रूप से करंट छोड़कर मछली मारने का सिलसिला तेज हो गया है. स्थानीय लोगों ने इस खतरनाक और गैरकानूनी गतिविधि पर सख्त आपत्ति जताते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर एक के बाद एक 10 वीडियो सामने आए, जिनमें साफ देखा जा सकता है कि कुछ लोग इनवर्टर बैटरी की मदद से सुसाड नदी में करंट फैलाकर मछलियों का शिकार कर रहे हैं. यह वही नदी है, जिसके किनारे एक शासकीय स्कूल और दो प्रमुख मंदिर – शिव मंदिर और हनुमान मंदिर स्थित हैं. स्थानीय युवक कुंदन चौहान और मिहिर पटेल ने बताया कि यहां बच्चों और श्रद्धालुओं की नियमित आवाजाही होती है, ऐसे में यह गतिविधि न केवल अवैध है बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती है.
कानून की उड़ रही धज्जियां, विभाग सिर्फ एडवाइजरी जारी कर रहा
मध्यप्रदेश नदी मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा 3(2) के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक 'क्लोज सीजन' घोषित किया गया है, जिसमें मछलियों की वंशवृद्धि और संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मत्स्याखेट पर पूरी तरह प्रतिबंध होता है. इसके बावजूद, नदियों और तालाबों में करंट से मछली मारने वाले सक्रिय हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार इन अवैध गतिविधियों में लोगों की जान तक जा चुकी है, लेकिन जिम्मेदार विभाग सिर्फ एडवाइजरी जारी कर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रहा है. लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि अराजक तत्वों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही, जिससे भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
जिलाधिकारी से की गई सख्त कार्रवाई की मांग
रहवासियों ने जिलाधिकारी से तत्काल संज्ञान लेने और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है. लोगों की स्पष्ट मांग है कि नदी और तालाबों में करंट से मछली मारने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही हो, ताकि जनसुरक्षा और प्राकृतिक संतुलन दोनों को बचाया जा सके.