
मध्यप्रदेश के धार में तेज बारिश से किसान बेहाल है. जिले के कई सारे गांवों में सैलाब का आलम है. खबर है कि धार के बक्साना में किसानों की कई बीघा फसले बारिश के पानी में खराब हो गई. मालूम हो कि बीते 3 दिनों से चंबल नदी ने जो खतरनाक रूप धारण किया था. उसके जख्म किसानों के चेहरों पर साफ देखे जा सकते है. इस सैलाब से किसानों की फसल चौपट हो गई. यही नहीं, गांव में लोगों के घरों में भी बारिश का पानी घुस गया. बीते दिनों सूखे से परेशान किसानों को बारिश से काफी उम्मीद थी मगर राहत के बदले बारिश आफत बनती नजर आ रही है.
किसानों के सपनों पर फिरा पानी
हर बार की तरह किसानों को इस बार फसलों से बहुत उम्मीद थी. किसानों ने कई सपने देखे थे लेकिन 'आसमानी आफत' ने किसानों के सपनों को पानी पानी कर दिया. गांव के किसान मोहन सिंह पटेल का कहना है, "इस बार की बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. हमारे सपने भी तबाह हो गए. मेरी 62 वर्ष की उम्र हो गई है. आजतक मैंने इतना पानी बरसते नहीं देखा और ना ही नदी में कभी ऐसी बाढ़ आई है." मोहन सिंह के चेहरे पर दुःख का भाव साफ झलकता है.

फसल खराब होने से आमदनी पर असर
गांव के ही किसान जितेंद्र पटेल का कहना है कि गांव में 100 फीसदी नुकसान हुआ है. सभी फसले खराब हो गई है. फसल के साथ-साथ बाढ़ के पानी में उपजाऊ मिट्टी भी बह गई जिससे अगली फसल भी नहीं होगी. अब यह जमीन बंजर हो गई है. ऐसे में बस सरकार से उम्मीद है. किसान बहादुर सिंह का कहना है कि फसल से बहुत उम्मीदें थी. किसानों के घर का खर्च फसलों से ही चलता है लेकिन अब बच्चों की फीस से लेकर घर का खर्च और दूसरी जरूरतें पूरी करना बहुत मुश्किल हो जाएगा. बैंक का कर्ज चुकाना भी हमारे लिए बहुत मुश्किल भरा होगा. उनका कहना है कि जल्द ही सर्वे करवा कर किसानों को मुआवजा मिले तो उन्हें राहत मिलेगी.
ये भी पढ़ें- MP के मालवा-निमाड़ अंचल में बाढ़ जैसे हालात, करीब 8700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया