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लैंड पूलिंग मामले ने तूल पकड़ा, किसान बोले- सरकार हमसे नहीं छीन सकती जमीन,कांग्रेस नेताओं ने दी आत्मदाह की चेतावनी

MP NEWS: उज्जैन में लैंड पूलिंग का मामला गरमा गया है. किसान सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस उनके साथ है. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी जमीन छीनने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे ऐसा नहीं होने देंगे.

लैंड पूलिंग मामले ने तूल पकड़ा, किसान बोले- सरकार हमसे नहीं छीन सकती जमीन,कांग्रेस नेताओं ने दी आत्मदाह  की चेतावनी

Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में सिंहस्थ के लिए लैंड पूलिंग का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. इसी के चलते गुरुवार को कांग्रेस कार्यालय में किसानों और कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक हुई. यहां किसानों ने किसी भी सूरत में सरकार को स्थाई रूप से जमीन देने से इंकार कर दिया. वहीं कांग्रेस ने कहा कि किसानों के लिए जरूरत पड़ी तो आत्मदाह तक कर लेंगे.

साल 2028 में सिंहस्थ लगना है. इसलिए सीएम डॉ मोहन यादव ने बिल पास करवाया है कि अब की बार सिंहस्थ क्षेत्र के किसानों की आधी जमीन स्थाई रूप से लेकर उस पर कुंभ नगरी बनवाई जाए. किसान फ्री में जमीन अधिग्रहण की इस योजना का विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस उनके साथ है. यही वजह है कि गुरूवार दोपहर क्षीर सागर स्थित कांग्रेस कार्यालय में 100 से अधिक किसान और कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन के लिए बैठक की. यहां किसानों ने कहा कि ये जमीन हमारे पूर्वजों की है. हम किसी भी सूरत में सरकार को जमीन नहीं देंगे. सरकार इसे हमसे छीन नहीं सकती. बैठक में किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान, विधायक महेश परमार, दिनेश जैन बोस, कांग्रेस शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी अन्य पदाधिकारियों सहित किसानों की और से ललित मीणा मौजूद थे.

विधायक ने दी आत्मदाह की चेतावनी 

कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि सरकार लैंड पूलिंग के माध्यम से किसानों की जमीन छीनना चाहती है. हम सभी किसानों के साथ हैं. किसानों के साथ बैठकर रणनीति बना रहे हैं. आने वाले समय में किसान भाइयों को न्याय दिलाने हम सब भूख हड़ताल, रेल रोको या जेल भरो आंदोलन करेंगे. जरूरत पड़ी तो किसान भाईयों के साथ मिलकर संयुक्त आत्मदाह भी करेंगे.किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान ने कहा किसान डरा हुआ है. उसकी 50 प्रतिशत जमीन छीन रहे हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे. हम किसानों के साथ हैं. जल्द ही रणनीति तैयार कर आगे आंदोलन होगा.

क्या है लैंड पूलिंग योजना 

  • 50 प्रतिशत भूमि किसान या भू-स्वामी के पास रहेगी.
  • 25 प्रतिशत भूमि में रोड, सेंटर लाइटिंग, स्टॉर्म वाटर ड्रेन, सीवर, वाटर लाइन और अंडरग्राउंड विद्युत लाइन का निर्माण होगा.
  • 5 प्रतिशत भूमि पर पार्क बनेगा. जिसमें झूले, स्लाइड्स, वॉकिंग पाथवे, ओपन जिम, लॉन और प्लांटेशन विकसित करेंगे.
  • 5 प्रतिशत भूमि पर आम जन की सुविधा के लिए पार्किंग, जनसुविधा केंद्र, हॉस्पिटल, स्कूल, विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण किया जाएगा.
  • 15 प्रतिशत बाकी जमीन पर सिंहस्थ से जुड़े कार्य होगे.

किसानों को आपत्ति

* यूडीए को सिंहस्थ की तैयारियों के लिए क्यों लाए.
* सिंहस्थ क्षेत्र में किसानों को घर, पशुओं के बाड़े, फसल रखने के वेयर हाउस नहीं बनाने दिए. अब स्थायी निर्माण क्यों?
* छोटे किसान 50 प्रतिशत भूमि सरकार को दे देंगे तो उनके पास क्या बचेगा?
* इतना स्थायी निर्माण करने पर सिंहस्थ में साधु-संत कहां जाएंगे?
* उज्जैन को आध्यात्मिक नगरी से कांक्रीट नगरी क्यों बना रहे ?
* लैंड पूलिंग स्कीम में किसानों को आधी जमीन से वंचित क्यों कर रहे हैं?  उन्हें योजना के बारे में क्यों नहीं बता रहे ?

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