
Farmers Protest in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के सतना (Satna) जिले में पावर ग्रिड कंपनी (Power Grid Case) के द्वारा किसानों के खेत में लगाए गए टावर का मुआवजा नहीं मिलने से नाराज सैकड़ों किसानों ने मंगलवार को लेटी परिक्रमा और पदयात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. लगभग 42 डिग्री की तपती गर्मी में सैकड़ों किसान हाथ में पोस्टर बैनर लेकर नागौर थाना क्षेत्र के पौड़ी तिराहा से लेटी परिक्रमा करते हुए निकले. शुरुआत महिला किसानों ने की. तमाम महिलाएं लेटकर परिक्रमा करते हुए सतना कलेक्ट्रेट की ओर रवाना हुई. किसानों का कहना था कि उन्हें कोर्ट के आदेश के आधार पर मुआवजे का भुगतान किया जाए और अगर यह सब कुछ कर पाने में शासन-प्रशासन और सरकार नाकाम है, तो राष्ट्रपति महोदय हम सभी किसानों को इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करें.

पावर ग्रिड के खिलाफ सतना में किसानों का आंदोलन
क्या का सतना में किसानों के प्रदर्शन का पूरा मामला?
सतना जिले के सितपुरा स्थित पावर ग्रिड प्लांट ने जिले के तमाम गांव में टावर लाइन का काम किया है. पावर ग्रिड ने कई किसानों का मुआवजा भुगतान किए बिना ही उनके खेतों में हाईराइज टावर गाड़ दिए हैं, जिसके बाद किसानों ने कोर्ट का रुख किया था. न्यायालय से जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कंपनी ने अपना काम कर लिया, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों ने भी जमकर पावर ग्रिड कंपनी की तरफदारी की और किसानों को असहाय बना रहा. अब किसानों ने एक बार फिर एकजुटता का परिचय देते हुए पदयात्रा निकाली.
किसानों के समर्थन में उतरे आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक
चिलचिलाती धूप में पोंड़ी तिराहा से शुरू हुई लेटी परिक्रमा और पदयात्रा को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ. सदाचारी तोमर ने भी अपना समर्थन दिया. वह इस पैदल यात्रा में शामिल रहे. फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि किसानों के साथ पावर ग्रिड ने अन्याय किया है. जिला प्रशासन को इस मामले में उचित कदम उठाने की आवश्यकता थी, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है.

बड़ी संख्या में किसानों ने सतना में की लेटी परिक्रमा
दो माह तक टावर पर चढ़े रहे थे रामनाथ
पावर ग्रिड के खिलाफ आंदोलित हुए किसानों में अतरबेदिया के आदिवासी किसान रामनाथ कोल भी शामिल हैं. बता दें कि रामनाथ और उनके सहयोगी किसान विगत वर्षों में दो महीने तक पावर ग्रिड के टावर पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करते रहे थे, जिसके बाद उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा भुगतान करने का आशासन दिया गया था. लेकिन, आज तक भुगतान नहीं हो पाया. रामनाथ कोल भी लेटी परिक्रमा कर कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हो चुके हैं. लगभग 25 किलोमीटर की यह यात्रा पूरी करने के बाद किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना आवेदन कलेक्टर के माध्यम से दिया.
एसडीएम के आश्वासन के बाद रुकी पदयात्रा
पावर ग्रिड प्रबंधन के खिलाफ पदयात्रा और लेटी परिक्रमा कर रहे किसानों के संबंध में जैसे ही एसडीएम उचेहरा सुमेश द्विवेदी को जानकारी हुई, उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वस्त किया कि उनके मुआवजे का भुगतान होगा. इसके बाद किसानों ने पदयात्रा और लेटी परिक्रमा रोक दी. करीब दो बजे किसानों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट सतना पहुंचा और अधिकारी से मुलाकात कर अपनी बात रखी.

23 किमी पदयात्रा कर सतना कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान
ये भी पढ़ें :- Police Attacked: जबलपुर के रविंद्र नगर में जमीन विवाद ने लिया हिंसक रूप, पथराव में पुलिसकर्मी भी लहूलुहान
क्या हैं सतना के किसानों की मांग
- उच्च न्यायालय द्वारा टॉवर लाइन पीड़ित किसानों की हुई क्षति की पूर्ति हेतु हुए आदेश का शीघ्र परिपालन कराया जाये .
- उच्च न्यायालय द्वारा हुए आदेश के उपरांत पीड़ित किसानों द्वारा कलेक्टर कार्यालय में न्याय पाने हेतु आवेदन लगाये गये हैं प्रशासन द्वारा शीघ्र किसानों की जमीनों से निकाली गयी टॉवर और तार तथा परिसम्पत्तियों का सत्यापन कराकर हर आवेदन पर आदेश संबंधित कंपनी को किया जाए.
- किसानों द्वारा लगभग 2 माह से उच्च न्यायालय के आदेश के तहत भुगतान हेतु आवेदन कलेक्टर कार्यालय में लगाये जा रहे हैं, आज तक उन आवेदनों के निराकरण में देरी क्यों की जा रही है. जाँच कर शीघ्र किसानों को न्याय दिलाया जाये .
- उपरोक्त तीनों बिंदुओं पर अगर प्रशासन, सरकार कार्यवाही करने में सक्षम नहीं है तो टॉवर लाइन पीड़ित किसान देश की राष्ट्रपति के नाम सतना कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर इच्छामृत्यु की मांग करेंगें.
ये भी पढ़ें :- Sonam Raghuvanshi LIVE Updates: 'ऑपरेशन हनीमून' में बड़ा खुलासा, 'सोनम ने दी थी 20 लाख रुपये की सुपारी'