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Jhola Chhap Doctor: झोला छाप महिला डॉक्टर के कारण गर्भस्थ शिशु की गई जान, हंगामे के बाद जांच के आदेश

Ujjain News: परिजन ने कहा काजल की हालत बिगड़ने पर डॉ शेख ने दावा किया था कि गर्भस्थ शिशु के हाथ-पैर नहीं बने है. उन्होंने काजल की जान को खतरा बता भर्ती कर ब्लड चढ़ा दिया. काजल को दर्द बढ़ने पर छुट्टी मांगी तो कहा कि पेट में जहर फैलने से मौत हो जाएगी.

Jhola Chhap Doctor: झोला छाप महिला डॉक्टर के कारण गर्भस्थ शिशु की गई जान, हंगामे के बाद जांच के आदेश
Jhola Chhap Doctor: झोला छाप महिला डॉक्टर के कारण गर्भस्थ शिशु की गई जान, हंगामे के बाद जांच के आदेश

Ujjain News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में झोलाछाप महिला डॉक्टर के कारण महिला की जान पर बन आई और उसके गर्भस्त शिशु की मौत हो गई. घटना के बाद हंगामा होने पर सीएमएचओ ने जांच के आदेश दिए हैं. खास बात यह है कि उक्त डॉक्टर पर पूर्व में ऐसे आरोप लगने पर स्वास्थ विभाग ने उसका क्लिनिक सील कर दिया गया था तो उसने दूसरा खोल लिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार चिंतामण जवासिया निवासी काजल मालवीय (24 वर्ष) छह माह की गर्भवती थीं और डॉ. मिनाक्षी जाटवा जांच कर गर्भस्थ शिशु को पूरी तरह स्वस्थ बताया था. 2 अक्टूबर को काजल को दर्द होने ओर डॉ.जाटवा के नहीं होने पर पति लखन मालवीय शासकीय अस्पताल जीवाजीगंज ले गया. यहां एक आशा कार्यकर्ता ने उन्हें मक्सी रोड स्थित पंवासा में अस्पताल चला रही झोलाछाव डॉ. तैय्यबा शेख के पास भेज दिया. लेकिन डॉ शेख के गलत इलाज से काजल की हालत गंभीर हो गई और गर्भस्थ बच्चे की मौत हो गई. इससे आक्रोशित परिजनों ने कलेक्टर से शिकायत कर डॉ शेख को अवैध रूप से क्लीनिक संचालित करने पर सीएमएचओ के खिलाफ नारेबाजी की.

अविकसित शिशु बताया

परिजन ने कहा काजल की हालत बिगड़ने पर डॉ शेख ने दावा किया था कि गर्भस्थ शिशु के हाथ-पैर नहीं बने है. उन्होंने काजल की जान को खतरा बता भर्ती कर ब्लड चढ़ा दिया. काजल को दर्द बढ़ने पर छुट्टी मांगी तो कहा कि पेट में जहर फैलने से मौत हो जाएगी. फिर अन्य अस्पताल भेजा. वहां भर्ती नहीं करने और काजल की हालत बिगड़ी तो निजी हॉस्पिटल ले गए. वहां नार्मल डिलिवरी हुई, लेकिन शिशु मृत जन्मा. यहां डॉक्टर ने बताया कि शिशु पूरी तरह विकसित था. डॉ. शेख ने नार्मल डिलिवरी के लिए 15 हजार रुपये मांगे थे. 5 हजार दिए और करीब 8 हजार की दवाई खरीदी.

क्लिनिक कैसे खुली किसी को पता नहीं

खास बात यह है कि डॉ शेख MBBS डॉक्टर नहीं है. BAMS की डिग्री से ही उसने मक्सी रोड पर क्लिनिक खोला था. तब 
भी एक शिशु की मौत का आरोप लगने पर माधव नगर अस्पताल प्रभारी डॉ विक्रम रघुवंशी ने उनका क्लीनिक सील कर थाने में रिपोर्ट की थी. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. नतीजतन शेख ने क्षेत्र में नया अस्पताल खोल लिया. मामले CMHO डॉ अशोक पटेल ने कहा हमने पहले भी डॉ. तैय्यबा शेख के खिलाफ कार्रवाई कर उनका एक अस्पताल सील किया था, जो आज भी सील है. अब नई शिकायत सामने आई है, उसकी जांच कर तथ्यनुसार कार्रवाई करेंगे.

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