
Damoh Fake Doctor : दमोह के मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हुई है. उस पर आरोप है कि उसने 15 मरीजों के हार्ट का ऑपरेशन किया, जिसमें से 7 की मौत हो गई है. पुलिस फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है. इसी बीच उसके कुछ CCTV फुटेज सामने आए हैं. जिसमें साफ दिखता है कि वो रौबदार अंदाज में बाउंसर के साथ घूमता था. अस्पताल में आने-जाने के दौरान भी उसके साथ बाउंसर होते थे. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उसे डर था कि कहीं कोई उस पर अटैक न कर दे. जो CCTV फुटेज NDTV को मिले हैं उसमें दिख रहा है कि ये कथित डॉक्टर हमेशा एक बाउंसर गार्ड को लेकर चलता था. ये बाउंसर उसका सूटकेस और कुछ दस्तावेज साथ में लेकर चलता था. दूसरी तरफ मिशन अस्पताल का आरोप है कि ये फर्जी हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर पोर्टेबल इको मशीन भी चोरी करके ले गया था जिसकी दमोह कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
बाउंसर के साथ घूमता था दमोह का 'डॉक्टर डेथ'
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) April 8, 2025
मध्य प्रदेश के दमोह के मिशन अस्पताल में 7 मरीजों की मौत के आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन कैम को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया. आरोपी बाउंसर के साथ चलता था और पोर्टेबल इको मशीन चोरी करने का भी है आरोप.#MPNews pic.twitter.com/3TA6UcNyoX
बताया जा रहा है कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को सोमवार देर शाम दमोह पुलिस ने प्रयागराज में स्थानीय पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया है. 7 मरीजों की मौत के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ नरेंद्र जॉन कैम के प्रयागराज में छुपे होने की खबर दमोह पुलिस को मिली थी. इसकी के बाद दमोह पुलिस की टीम प्रयागराज पहुंची. छापे में पता चला कि फर्जी डॉक्टर प्रयागराज के यमुनानगर ज़ोन के थाना औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद है. वो यहां पर Omex आनंदा सिटी के टॉवर A के फ्लैट नंबर 511 में ठहरा है. इसके बाद पुलिस ने उस फ्लैट पर छापा मारा. आरोपी डॉक्टर नरेंद्र जिस फ्लैट में मिला वो किसी और का फ्लैट है. आरोपी डॉक्टर नरेंद्र जिस फ्लैट में कई बार आता था. हालांकि इस दौरान वो किसी को भी अपनी असली पहचान नहीं बताता था.
इस बीच अब ये भी सामने आया है कि इसी डॉक्टर ने साल 2006 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की सर्जरी भी की थी. जिसमें उनकी मौत हो गई है. अब उनके बेटे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस अनिल शुक्ला ने पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले पर रिपोर्ट मांग ली है.
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