![ऊर्जा मंत्री ने जीता किसानों का दिल, बंगले के बाहर धरना दे रहे किसानों को पिलाई अपने हाथ से चाय ऊर्जा मंत्री ने जीता किसानों का दिल, बंगले के बाहर धरना दे रहे किसानों को पिलाई अपने हाथ से चाय](https://c.ndtvimg.com/2024-02/56ejskn8_bhopal_625x300_23_February_24.jpg?downsize=773:435)
Madhya Pradesh News: प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपनी अलग कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. ग्वालियर में फिर एक बार यही देखने को मिला. बिजली के बिलों और अन्य समस्याओं के खिलाफ उनके बंगले के बाहर किसान धरना दे रहे हैं, इसकी सूचना मिलने पर मंत्री तोमर अपने बंगले पर पहुंचे और सीधे उनके बीच जाकर बैठ गए. उन्होंने सबकी बात सुनी फिर अंदर से चाय मंगवाकर दी, उन्होंने सबको अपने हाथों से चाय बांटकर अपने खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का दिल जीत लिया.
जानकारी मिलते ही आ गए ऊर्जा मंत्री
दरअसल ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह के बंगले के बाहर बिजली समस्या को लेकर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे थे. किसानों ने ऐलान कर दिया कि वो मंत्री जी के आने तक यहीं उनके बंगले पर धरना देंगे. इस दौरान मंत्री अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमो में थे, वहीं उन्हें इसकी खबर मिली. वे उनसे फ्री होकर काफी समय बाद अपने बंगले पर पहुंचे. उन्होंने आन्दोलनकारी किसानों से मिलकर बात की और समस्या को जाना. इसके बाद बंगले से चाय मिलकर सबको अपने हाथों से पिलवाई और खुद भी उनके साथ बैठकर पी.
इस कारण से बैठे से किसान
शहर से सटे हुए अजयपुर, वीरपुर, हारकोटा सीर आदि गांव के किसान 2016 से परेशान हैं. उनकी परेशानी की वजह ये है कि प्रदेश में सभी किसानों को फ्लेट रेट पर बिजली मिल रही है जबकि अचानक 2016 से बगैर सूचना दिए उन्हें यूनिट के आधार पर बिजली के बिल भेजे जाने लगे. यह बिल पहले से कई गुना ज्यादा थे जिन्हें भर पाना किसानों के लिए सम्भव नहीं है. किसानों ने दफ्तरों के चक्कर काटे, अफसरों से गुहार लगाई लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी और अब ज्यादा बकाया होने के चलते अनेक किसानों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए जिसके चलते वे खेतों में खड़ी फसल को पानी नहीं दे पा रहे हैं. इसी समस्या के खिलाफ किसान, अपने संगठन के साथ ऊर्जा मंत्री तोमर के ग्वालियर में रेसकोर्स रोड स्थित बंगले पर आंदोलन करने पहुंचे थे.
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ऊर्जामंत्री ने किसानों से मिलकर उनकी बात सुनी
किसानों से उन्होंने कहा जो मेरे लायक जो होगा मैं वो करूंगा. वहीं किसानों ने बिजली के बिल की राशि खत्म करने की बात कही जिस पर से ऊर्जा मंत्री ने कहा यह मेरे हाथ में नहीं है. उन्होंने विभाग के अधिकारियों से भी तत्काल बातचीत की और पूछा कि इस समस्या का हल क्या हो सकता है? बातचीत के बाद उन्होंने किसानों से पांच और दस हजार रुपए की राशि जमा किए जाने के लिए कहा और भरोसा दिलाया कि उसके बाद कटी हुई बिजली की सप्लाई सुचारू रूप से चालू कर दी जाएगी.
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