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This Article is From Sep 14, 2023

करंट लगने से हुई कर्मचारी की मौत, नाराज परिजनों ने शव को SE के सामने रख किया हंगामा 

सतना से बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां पर बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही ने फिर एक आउटसोर्स की जान ले ली. मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल की मरचुरी में SE (Suprintendent Engineer) को बुलाने के लिए हंगामा शुरू कर दिया.

करंट लगने से हुई कर्मचारी की मौत, नाराज परिजनों ने शव को SE के सामने रख किया हंगामा 
करंट लगने से हुई कर्मचारी की मौत

सतना से बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां पर बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही ने फिर एक आउटसोर्स की जान ले ली. मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल की मरचुरी में SE (Suprintendent Engineer) को बुलाने के लिए हंगामा शुरू कर दिया, एसई के नहीं पहुंचने पर गुस्साए परिजनों ने शव को ले जाकर प्रेमनगर एमपीईबी परिसर में रख दिया. परिजनों की मांग थी कि मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. इसके साथ ही परिजन क्षेत्र के जेई, ऑपरेटर और लाइनमैन पर मुकदमा दर्ज कराने की बात पर अड़े थे. हालांकि बाद में पुलिस-प्रशासन की समझाइश के बाद समझौता हो गया.

जानिए क्या है पूरा मामला 

मामला रामपुर बाघेलान थाना इलाके का बताया जा रहा है. जहां के सज्जनपुर सब स्टेशन में हेल्पर के तौर पर रहे जीतराज सिंह (28) के साथ यह हादसा हो गया. खबर के मुताबिक, जीतराज गुरूवार की सुबह सब स्टेशन से परमिट लेने के बाद 11 बजे खंभे में सुधार कार्य करने के लिए चढ़ा था. इसी दौरान किसी ने बिजली की सप्लाई चालू कर दी जिससे उसे जोरदार करंट लग गया. आनन फानन में मौके पर मौजूद अन्य लोगों की मदद से उसे करंट से निकाल कर बिरला अस्पताल पहुंचाया जहां पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

चार घंटे तक किया प्रदर्शन

जैसे ही यह खबर परिजनों तक पहुंची तमाम राजनैतिक दलों के नेता एवं स्थानीय लोगों की भीड़ अस्पताल पहुंच गई. वहीं जब मृतक को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया तब और भी ज्यादा हंगामा शुरू हो गया. जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों का हंगामा चार घंटे तक चला. पहले जिला अस्पताल फिर एमपीईबी परिसर में परिजनों का हंगामा चलता रहा. थाना प्रभारी यूपी सिंह और शंखधर द्विवेदी समेत अन्य पुलिस अफसर नाराज परिजनों को समझाते रहे, लेकिन परिजन तब तक नहीं माने जब तक कि उनकी मांग नहीं मानी गई.

मिला नौ लाख रुपया और नौकरी का भरोसा

बताया जाता है कि जब बिजली विभाग के अधिकारी ने नौकरी और मुआवजे का भरोसा दिया तब जाकर शाम पांच बजे अंतिम संस्कार के लिए शव गांव ले जाया गया. जीतराज सिंह की मौत के बाद बढ़े हंगामे को शांत करने के लिए बिजली विभाग की ओर से चार लाख रुपए कंपनसेशन, पांच लाख रुपए बीमा, 25 हजार रुपए अंत्येष्टि सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात पर सहमति बनी. इस मामले में बिजली विभाग की ओर से डीई रामपुर बाघेलान अजय मरकाम मौजूद थे.

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