PDS Scam: e-KYC के बहाने सेल्समैन ने हितग्राहियों के लिए फिंगर प्रिंट और डकार गया तीन महीने का राशन

MP News: ग्रामीणों ने बताया कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान महुटा के सेल्समैन का जिम्मा कोटेदार धीरेन्द्र गर्ग को मिला हुआ है. जिस पर आरोप है कि अप्रैल, मई और जून महीने का अनाज ग्रामीणों को वितरित नहीं किया, जबकि रिकार्ड में वितरण प्रदर्शित हो रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Public Distribution System in Madhya Pradesh: गरीबों को उचित मूल्य पर राशन (Ration Shop) देने की योजना (PDS) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है. सेल्समैन (Salesman) ग्रामीणों का हक हर बार डकार जाते हैं, लेकिन शिकायतों को कोई महत्व नहीं मिलता. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के सतना जिले (Satna District) में सोहावल विकासखंड की ग्राम पंचायत हड़खार की (महुटा) की राशन दुकान का है. यहां के सेल्समैन ने बड़ी चालाकी से ई-केवाईसी (e-KYC) कराने के बहाने गरीबों का फिंगर लगवाकर तीन महीने का राशन डकार लिया. वहीं अब ग्रामीण इस मामले की शिकायतें तमाम अधिकारियों तक कर रहे हैं, जिनका कोई समाधान नहीं हो पा रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि सेल्समैन को हटाया जाय और उन्हें तीन महीने का पूरा राशन (Ration) दिया जाए.

ऐसा है मामला

ग्रामीणों ने बताया कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान महुटा के सेल्समैन का जिम्मा कोटेदार धीरेन्द्र गर्ग को मिला हुआ है. जिस पर आरोप है कि अप्रैल, मई और जून महीने का अनाज ग्रामीणों को वितरित नहीं किया, जबकि रिकाॅर्ड में वितरण प्रदर्शित हो रहा है. कोटेदार ने भी अपनी ओर से विभाग को चिट्‌ठी दी है कि उसका बिल नहीं काटा गया. जिससे दुकान को आवंटन प्राप्त नहीं हो रहा है.

हकीकत क्या है इसके बारे में विभाग ने भी कोई कदम नहीं उठाया. हालांकि जब सहायक आपूर्ति अधिकारी भागवत प्रसाद द्विवेदी से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रकरण की जांच कराएंगे अगर, वितरण नहीं पाया जाएगा तो संबंधित पर कार्रवाई के साथ ही वितरण सुनिश्चित कराएंगे.

साल भर से नहीं दिया शक्कर

महुटा गांव हडख़ार पंचायत का हिस्सा है. यहां के सैकड़ों पात्र परिवार अति गरीबी (BPL) की श्रेणी में हैं. जिन्हें एक रुपए किलो नमक और शक्कर भी देने का प्रावधान है. हालांकि ग्रामीणों का आरोप है कि नमक के लिए पांच से दस रुपए तक लिए जाते हैं, वहीं शक्कर का वितरण ही कभी कभार होता है. पिछले दस महीने से पात्र लोगों को शक्कर नहीं दी गई है. जिससे सभी परेशान हैं. राशन वितरण से जुड़ी ग्रामीणों की एक परेशानी यह भी है कि दुकानदार ने वितरण का कोई दिन निर्धारित नहीं किया है, ऐसे में लोगों को भटकाव का भी सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों की सुनिए...

हरिराम बताते हैं कि अति गरीबी का कार्ड (Ration Card) बना है. पांच महीने हो गए शक्कर नहीं मिली. नमक का पांच रुपए लिया जाता है. दुकान खोलने का समय नियत नहीं है, जिससे बार-बार भटकना पड़ता है. सुभद्रा का कहना है कि फिंगर लगवा लिया है जबकि तीन महीने का राशन नहीं दिया गया. सुंदरिया बताती हैं कि तीन महीने हो गए राशन नहीं मिला. चार किमी तक पैदल जाना पड़ता है. इसके बाद भी कई बार खाली लौटा दिया जाता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें : Ration Scam: देख रहा है... मुर्दे ले रहे हैं राशन, पंचायत भवन में है सरपंच और सचिव जी का कब्जा

यह भी पढ़ें : वीरता पुरस्कार पाने पर मिली जमीन का सरकार ने 14 साल तक नहीं दिया पट्‌टा, अब High Court ने लगायी फटकार

Advertisement

यह भी पढ़ें : NEET के बाद अब NET Exam पर उठे सवाल, एडमिट कार्ड न मिलने से परीक्षार्थी परेशान, NTA नहीं कर रहा समाधान

यह भी पढ़ें : MP Tourism: पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा शुरु, 8 स्थानों से मिलेगी फ्लाइट, CM ने क्या कहा जानिए

Advertisement
Topics mentioned in this article