
Dragon Fruit Cultivation in MP: आजकल के युवा किसान परंपरागत खेती से इतर कुछ और नया करना चाहते हैं. किसान मुख्य फसलों को छोड़ बागवानी की तरफ रूख कर रहे है और कृषि में नए-नए प्रयोग करके अपनी आय बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. आधुनिक तकनीक, सही शोध और नई फसल से कृषि व्यवसाय को नया रूप मिलने लगा है. मध्य प्रदेश में मालवा और मालवा में नीमच जिला विभिन्न प्रकार की उपज के उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां के किसान विभिन्न किस्म के फल, औषधि, मसाला उपज की खेती करते हैं. दरअसल, यहां की जलवायु कई देशी विदेशी फसलों के लिए अनुकूल है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती किसान को बना देगी मालामाल
कोरोना महामारी और डेंगू बीमारी में डॉक्टरों द्वारा जब से ड्रैगन फ्रूट खाने की सलाह दी गईं. इसके बाद से देश में इस फल को खाने का प्रचलन काफी बढ़ गया है. यह फल बाजार में प्रति नग करीब डेढ़ सौ रुपये में मिलता है. यह अलग-अलग वैरायटियों और किस्म में पाया जाता है. एक बार का इन्वेस्टमेंट है. ड्रैगन फ्रूट का पौधा 20 से 25 वर्ष तक फल देता है. एक बीघा जमीन मे इसे लगाने का खर्च करीब 3 लाख रुपये आता है. ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन सितंबर से फरवरी माह तक लगातार प्राप्त होता है. यह केक्टस प्रजाति का पौधा होता है.

ड्रैगन फ्रूट 6 लाख की कमाई
इन दिनों नीमच जिले के जावद, मनासा, सिंगोली क्षेत्र के कुछ जागरूक किसान ड्रेगन फ्रूट की खेती करने लगे हैं. मनासा तहसील के हाडी पिपलिया गांव के एक युवा किसान हरीश पाटीदार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती करना शुरू की है. उन्होंने करीब दो साल पहले अपने स्तर पर जानकारी जुटाकर हैदराबाद से पौधे लाकर 1 बीघा जमीन पर खेती शुरू की. यह फसल अब उत्पन देने के लिए तैयार हो चुकी है. उन्हें अनुमान है कि इस वर्ष में 3 से 4 टन उत्पादन सितम्बर माह से लेने लेने लगेंगे. जिससे करीब उन्हें 400000 रुपये तक की कमाई का अनुमान है. हरीश अभी 450 पोल और लग रहे हैं जिन पर 1800 पौधे लगाएंगे.

कैसे करे ड्रैगन फ्रूट की खेती
ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत में खेत की अच्छी तरह से हकाई जुताई करने के बाद मिट्टी के ढेर से खेत में 10-10 फिट की दूरी पर कई बेड बनाये जाते हैं. वहीं प्रत्येक बेड पर 6-6 फीट की दूरी पर पोल लागये जाते है. इन पोल के आपपास करीब 4 से 5 पौधे लगाए जाते हैं. जिन्हें ड्रिप के माध्यम से सींचा जाता है. करीब 2 वर्ष बाद यह उत्पादन देना शुरू कर देते हैं. ड्रैगन फ्रूट में काली आने के बाद 45 दिन में फल पककर मिल जाता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती के दौरान बरते ये सावधानी
यूं तो इस फसल की काम देखभाल और कम मेहनत की जरूरत होती है. मगर फिर भी कुछ सावधानियां रखनी आवश्यक है. खेत में जल जमाव की स्थिति होने पर फसल खराब हो सकती हैं साथ ही अत्यधिक पानी देने से भी फसल खराब हो सकती है. फसल को अत्यधिक तापमान और सीधे सूर्य की तेज धूप लगने से भी नुकसान होता है. हीट वेव से बचाव के लिए इसके आसपास अन्य फसल भी लगा सकते हैं. जिनका इसके उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
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