MP News in Hindi : मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में 24 अगस्त को पुलिस को एक कुख्यात आरोपी का शव मिला था. जिसे लेकर अब पुलिस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, तीन महीने पहले 8 अगस्त को जावरा के हुसैन टेकरी इलाके में झोपड़ी में रहने वाली एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 10 साल की मूक-बधिर बेटी का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया. आरोपी ने बच्ची को गंभीर रूप से घायल अवस्था में झोपड़ी से थोड़ी दूरी पर छोड़ दिया था. घटना की गंभीरता को देखते हुए रतलाम SP अमित कुमार ने जावरा में आरोपी की तलाश के लिए ASP राकेश खाखा और CSP दुर्गेश आर्मो के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के CCTV कैमरों की फुटेज की जांच की जिसमें एक संदिग्ध व्यक्ति टॉर्च लेकर उस दिशा में जाता हुआ नजर आया.
DNA जांच से पुराना मामला खुला
आरोपी की पहचान फणजी के रूप में हुई लेकिन पुलिस के दबिश देने के बावजूद वह फरार रहा. संदेह के आधार पर पुलिस ने फणजी के परिजनों की DNA जांच भी कराई. इसी दौरान 24 अगस्त को पुलिस को जानकारी मिली कि फणजी ने रतलाम जिले के सरवन क्षेत्र में ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली है. आरोपी के शव से रक्त का नमूना लिया गया और DNA टेस्ट कराया गया. FSL की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना स्थल से मिले सबूत और फणजी के DNA में मेल पाया गया. पुलिस जांच से यह पुष्टि हुई कि दुष्कर्म की घटना में वही आरोपी था.
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चार साल पुराने मामले में भी निकला आरोपी
पुलिस ने इसी जांच के बाद जावरा और सरवन क्षेत्र में पिछले सालों में हुई मूक-बधिर और नाबालिग बच्चियों के दुष्कर्म के मामलों की छानबीन शुरू की. इनमें से एक चार साल पुरानी घटना का भी खुलासा हुआ जिसमें फणजी ने एक 7 साल की मूक-बधिर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. DNA जांच से इस मामले में भी फणजी का आरोप साबित हुआ. इस पूरी जांच में SP जावरा दुर्गेश आर्मो के निर्देशन में SHO मुनेन्द्र गौतम की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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