जबलपुर (Jabalpur) कलेक्टर ने रविवार, 7 जनवरी की सुबह कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सर्वेयर्स की बैठक ली. इस बैठक में उन्होंने सभी गोदामों में रखी हुई धान की गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए. दरअसल, ये जांच उन गोदामों में रखी हुई धानों की की जाएगी, जहां शासन से खरीदी केंद्र बनाने की स्वीकृति मिले बगैर किसानों द्वारा अपनी उपज का भंडारण कर लिया गया है.
धान की परीक्षण करने का आदेश जारी
धान की परीक्षण में एफ.ए.क्यू. मापदण्डों का कड़ाई से करें पालन
कलेक्टर ने सर्वेयर्स को हिदायत दी कि धान की परीक्षण में एफ.ए.क्यू. मापदण्डों का कड़ाई से पालन करें. गुणवत्ता की जांच के दौरान उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि अनाधिकृत स्थानों पर रखी गई धान में से केवल वास्तविक किसानों की धान खरीदी जानी है.अनाधिकृत स्थानों पर खुले में रखी हुई धान यदि बारिश की वजह से गीली हो गई है तो गुणवत्ता की जांच के लिए उसके सूखने का इंतजार किया जाए. कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि अनाधिकृत स्थानों पर गोदाम संचालकों के भरोसे रखी गई धान की खरीदी का निर्णय किसानों के हित में लिया गया है. इसका बिचौलिये या व्यापारी अनुचित लाभ न उठा पाये इसका विशेष ध्यान रखना होगा.
36 सर्वेयर्स की नियुक्त
बता दें कि राज्य शासन द्वारा जिले के उन सभी 36 गोदामों में रखी हुई धान की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए अलग से सर्वेयर्स की नियुक्त की गई है, जहां बिना खरीदी केंद्र की स्वीकृत के किसानों द्वारा गोदाम संचालकों के भरोसे धान रख दी गई थी. वहीं प्रत्येक गोदाम के लिए एक-एक सर्वेयर को नियुक्त किया गया है.
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क्या है पूरा मामला
जबलपुर जिले में हुई मूसलाधार बारिश ने धान किसानों को संकट में डाल दिया है. किसानों ने अपनी अपनी धान सरकारी खरीद के लिए वेयरहाउस में तौल के लिए रख दी थी. वहीं जबलपुर जिले में 36 गोदामों का पंजीकरण नहीं किया गया था, लेकिन इन वेयर हाउस में भी किसानों को लालच देकर खुले में ध्यान रखवा ली गई. वहीं खुले में रखी हुई धान लगातार हो रही बारिश में गीली हो गई है. शुक्रवार रात हुई मूसलाधार बारिश से पानी धान के अंदर चला गया है. इधर, मौसम विभाग ने अभी 2 दिन तक बारिश होने की चेतावनी दी है. किसानों को यह भी नहीं मालूम कि बारिश से खराब हुई धान का मुआवजा किसान को मिलेगा या सूखने पर धान खरीदी जाएगी.
एनडीटीवी की खबर का असर
बता दें कि बारिश के बाद एनडीटीवी की टीम किसानों के बीच पहुंची और उनकी समस्याओं को उठाया. इस दौरान किसानों ने कहा था कि खुले में रखी गई धान बारिश की वजह से गिली हो चुकी है. अगर सरकार द्वारा इन धानों की खरीदी नहीं की गई या मुआवजा नहीं दिया गया तो हमारे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
वहीं एनडीटीवी की खबर के बाद जिला प्रशासन हरकत में आए और कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी अधिकृत और अनाधिकृत वेयरहाउस का निरीक्षण किया और भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों से मुलाकात की.
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र पटेल ने कहा कि हम अपना अगला कदम दो-तीन दिन बाद उठाएंगे. यदि जिला प्रशासन किसानों से किए गए वादे को पूरा नहीं करती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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