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मध्य प्रदेश के DGP को गेट पर रोका, सिपाही ने पूछा- कौन हैं आप ? परिचय देने के बाद ये हुआ...

Anti Naxal Operation: नक्सलवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के तहत नक्सल समस्या को समूल नष्ट करने लिए के लिए मध्य प्रदेश सरकार एक्शन मोड पर है. बीते 12 अक्टूबर की रात को डीजीपी भोपाल से गोंदिया पहुंचे, जहां उन्हे पहले सिपाही ने ही रोक लिया, फिर परिचय देने के बाद एंट्री मिली.

मध्य प्रदेश के DGP को गेट पर रोका, सिपाही ने पूछा- कौन हैं आप ? परिचय देने के बाद ये हुआ...
मध्य प्रदेश के DGP को गेट पर रोका, सिपाही ने कहा कौन हो आप? परिचय देने के बाद मिली एंट्री.

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना को गेट पर एक सिपाही ने रोककर पूछा आप कौन हो? सुनकर थोड़ा अजीब लगा होगा. दरअसल डीजीपी दो दिवसीय दौरे को लेकर भोपाल से बालाघाट पहुंचे थे. जब डीजीपी हॉक कैंप पर पहुंचे वहां संतरी द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उनसे परिचय पूछा एवं पासवर्ड बताने को कहा, जब तक पासवर्ड नहीं बताया गया, तब तक कैंप में डीजीपी का प्रवेश नहीं हुआ. डीजीपी द्वारा वहां पदस्थ जवानों को केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देश और भावनाओं से अवगत कराया तब एंट्री मिली. 

एमपी पुलिस एक्टिव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा नक्सलवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेन्स नीति के तहत नक्सल समस्या को समूल नष्ट करने एमपी पुलिस एक्टिव हो गई है. इसीक्रम में बालाघाट जिले में नक्सल विरोधी अभियान को गति देने के लिए पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश सुधीर कुमार सक्सेना ने जिले का दो दिवसीय दौरा किया.

मध्यप्रदेश की हॉक फोर्स तैनात

12 अक्टूबर की रात को डी.जी.पी भोपाल से गोंदिया पहुंचे, जहां से लगभग डेढ़ घंटे चलकर मुरकुटडोह ज्वाइंट टॉस्क फोर्स से मिले. मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ के ट्राय जंक्शन सीमा क्षेत्र में स्थापित मुरकुटडोह सुरक्षा कैम्प महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में है. इस कैंप में महाराष्ट्र पुलिस की C-60 फोर्स, छत्तीसगढ़ की DRG फोर्स और मध्यप्रदेश की हॉक फोर्स तैनात है.

इस कैंप का निर्माण अबूझमाड से आने वाले नक्सलियों को रोकने के लिए किया गया. इस बीच समन्वय एवं संयुक्त अभियानों की समीक्षा की. नक्सल विरोधी अभियानों और समस्याओ के बारे में विस्तृत चर्चा की. उन्होने विषम परिस्थितियों में रहकर भी साहस और समर्पण के साथ कार्य करने वाले इन जवानों की प्रशंसा की. मनोबल बढाया.

कौन हैं आप ?  गेट पर देना पड़ा परिचय

इसके बाद जब डीजीपी हॉक कैंप पर पहुंचे, वहां संतरी द्वारा सुरक्षा प्रोटोकाल के तहत उनसे परिचय पूछा और पासवर्ड बताने को कहा. जब तक पासवर्ड नहीं बताया गया, तब तक कैंप में डीजीपी को प्रवेश नहीं हुआ. डीजीपी द्वारा वहां पदस्थ जवानों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम मोहन यादव के निर्देश के बारे में बताया गया. DGP ने कहा कि मुख्यमंत्री आपकी समस्याओं के निराकरण के लिए सदैव तत्पर रहते हैं. आपके द्वारा किये जा रहे प्रयासों की नियमित रुप से जानकारी लेते हैं.

 डी.जी.पी द्वारा जवानों से कहा कि आपके मनोबल में वृद्धि हेतु नवीन भत्ते और अभियानों में उल्लेखनीय कार्य करने पर क्रमपूर्व पदोन्नतियां की गई हैं. ऑपरेशन की समीक्षा कर नक्सल मूवमेंट के चिन्हित क्षेत्रों में अभियानों में और अधिक गति लाने के निर्देश दिए.

हॉकफोर्स और अन्य पुलिस बल मिलकर नक्सलियों के विरुद्ध संयुक्त रुप से कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने सभी जवानों से आव्हान किया है कि केंद्रीय गृहमंत्री की भावनाओं और मुख्यमंत्री के निर्देशों का आदर करते हुए और भी अधिक समर्पण मेहनत से लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुट जाना है. डी.जी.पी द्वारा अधिकारियों को नवीन नक्सल आत्मसमर्पण नीति रणनीति के प्रावधानों का प्रचार स्थानीय निवासियों के माध्यम से करने और नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किए जाने के भी निर्देश दिए है.

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ली संयुक्त बैठक

14 अक्टूबर को पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने डीजी  CRPF के साथ नक्सल समस्या के खात्मे एवं आगे की रणनीति तैयार करने के लिए बैठक की. इस बैठक में IB एवं CRPF के वरिष्ठ अधिकारी, IG बालाघाट, IG, DIG नक्सल विरोधी अभियान, DIG बालाघाट रेंज कलेक्टर बालाघाट, पुलिस अधीक्षक बालाघाट, मंडला, डिण्डौरी, कान्हा फिल्ड डायरेक्टर, DFO, के अलावा जिला बालाघाट के अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

इनामी 20 हार्डकोर नक्सली मारे गए

नक्सल उन्मूलन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने लगातार कार्रवाई की गई. पूर्व के दो वर्ष खास रहे. पिछले 5 वर्षों में 3.31 करोड़ के इनामी 20 हार्डकोर नक्सली मारे गए, जो उससे पिछले 30 वर्षों में मारे गए कुल नक्सलियों से अधिक हैं. वहीं, पिछले 2 वर्षों में जितने नक्सली मारे गए हैं, उनकी संख्या उससे पिछले 25 वर्षों में मारे गए कुल नक्सलियों से भी अधिक है. इसी दौरान 1.52 करोड़ के ईनामी 6 नक्सलियों को भी गिरफ्तार किया. मध्यप्रदेश में पहली बार स्पेशल जोनल कमेटी मेम्बर स्तर के नक्सली अशोक रेड्डी, जिस पर 82 लाख रुपये का इनाम था, को भी गिरफ्तार करने में मध्यप्रदेश पुलिस को सफलता प्राप्त हुई है.

वसूली पर भी लगी रोक 

दिसंबर  2023 से लेकर अभी तक 4 मुठभेड़ों में 4 नक्सली मारे गए हैं. नहीं, एक नक्सली को गिरफ्तार किया गया.
नक्सलियों के वित्त पोषण को रोकने के लिए भी प्रभावी कार्रवाई की गई, जिसमें तेन्दूपत्ता तुड़ाई के सीजन के दौरान की जाने वाली अवैध वसूली पर भी रोक लगाने में मध्यप्रदेश पुलिस सफल रही है.

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करोड़ों की राशि रोकी गई

मिली अधिकारिक जानकारी के मुताबिक, पूर्व के तीन वर्षों में लगभग 8 करोड़ की राशि नक्सलियों तक पहुंचने से रोकी गई. इस बात की पुष्टि मुठभेड़ में मिले पत्र और गिरफ्तार नक्सली से भी हुई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मे सुरक्षा बलो द्वारा लगातार चलाए जा रहें. अभियानों और विकास योजनाओं के कारण लोगों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है.

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