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This Article is From Sep 18, 2023

ग्वालियर में डेंगू का डंक हुआ और भी खतरनाक, आधे सितंबर में मिले 106 नए मरीज 

ग्वालियर में डेंगू के डंक ने सबको डराकर रख दिया है. सितंबर में अब तक यहां डेंगू के 106 नए मरीज सामने आ चुके है. बीते दो महीने का आंकड़ा 145 तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि बीते दिन यहां से गंभीर हालत में एक बच्ची को दिल्ली रेफर किया गया था.

ग्वालियर में डेंगू का डंक हुआ और भी खतरनाक, आधे सितंबर में मिले 106 नए मरीज 
(ग्वालियर में डेंगू का डंक हुआ और भी खतरनाक)

ग्वालियर में डेंगू के डंक ने सबको डराकर रख दिया है. सितंबर में अब तक यहां डेंगू के 106 नए मरीज सामने आ चुके है. बीते दो महीने का आंकड़ा 145 तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि बीते दिन यहां से गंभीर हालत में एक बच्ची को दिल्ली रेफर किया गया था. जिसके बाद बच्ची की मौत से हड़ंकप मच गया. मामले में चिंताजनक है कि प्रशासन कार्रवाई की बात कह रहा है. आइए आपको पूरा मामला बताते हैं. 

जानलेवा हुआ डेंगू का डंक 

डेंगू का प्रकोप ग्वालियर में बरसात के शुरू होते ही शुरू हो गया था. दरअसल, यहां शहर की सड़कें खुदी पड़ी हैं जिसमें बारिश का पानी भरा हुआ है. यह हाल गली-मोहल्लों का भी है लेकिन अब तक इन गड्ढों को भरने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ है. नतीजतन जिले में डेंगू लगातार अपने पैर पसार रहा है. हालत यहां तक पहुंच गई कि सितंबर के 17 दिन में ही डेंगू के 106 नए मरीज मिल गए. हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और अब तो यह जानलेवा भी हो गया है. ग्वालियर के पॉश कॉलोनी विवेक विहार में रहने वाले शशांक भार्गव की 8 साल की बेटी को भी डेंगू हुआ. जब ग्वालियर में उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे लेकर परिजन दिल्ली गए लेकिन वहां उसकी मौत हो गई.

शहर में फॉगिंग (धुंए का छिड़काव) करते लोग

शहर में फॉगिंग (धुंए का छिड़काव) करते लोग

रविवार को 16 नए मरीज निकले

डेंगू का कहर रविवार को भी जारी रहा. बताया जा रहा है कि जिले के बड़े अस्पतालों में जांच के लिए 110 नमूने भेजे गए. गजराराजा मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल मुरार की वायरोलॉजी लेब में इन नमूनों की जांच की गई जिसमें करीब दस फीसदी से भी ज्यादा यानी 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इन्हें जोड़कर जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 179 हो गई है. इसमें खास बात यह है कि जनवरी से जुलाई तक जिले में डेंगू के कुल जमा 34 मरीज ही निकले थे.

प्रशासन का क्या है कहना?

मिली जानकारी के मुताबिक, काबू पाने के लिए नगर निगम, सीएमएचओ, जेएएच, मलेरिया विभाग काम करते हैं लेकिन इनमें कोई समन्वय ही नहीं है. सीएमएचओ का कहना है कि उन्होंने मलेरिया विभाग को सतर्क किया है और अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की है. यही बात जेएएच प्रबंधन भी कह रहा है. मलेरिया अधिकारी डॉ विवेक दोनेरिया का कहना है कि हमनें निगम को पत्र लिखा है. हमारी टीमें अवकाश के दिनों में भी काम कर रही हैं. निगम के स्वास्थ्य अधिकारी वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि शहर में फॉगिंग (धुंए का छिड़काव) कराया जा रहा है. साथ ही खुले में पानी छोड़ने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई तेज की जाएगी. 

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