Democratic Republic of Congo News: डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) के कटंगा (Katanga) क्षेत्र में अचानक ही एक पहाड़ भरभराकर ढह गया. इस आपदा से लोगों को होश उड़े हुए थे, तभी इस बर्बादी से देश की किस्मत बदलने वाली खबर सामने आई. विशेषज्ञों ने बताया कि इस पहाड़ के ढहने से बड़े पैमाने पर तांबा बाहर निकल आया है. इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें गिरते हुए पहाड़ के पास जमा लोगों को देखा जा सकता है. इस दौरान कुछ लोग तांबा लूटने के लिए भागते हुए भी दिखाई दे रहे हैं.
सोशल मीडिया पर आई ऐसी प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो पर विभिन्न सोशल मीडिया यूजर्स जमकर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं. इनमें से कुछ ने अफ्रीका में गरीबी की समस्या पर सवाल उठाया, तो कुछ ने पश्चिमी देशों के दखलंदाजी को लेकर चिंता जताई. एक यूजर ने लिखा, "यह अफ़्रीका का एक गरीब देश है, मैं समझ नहीं पा रहा कि यह कैसे हुआ?" वहीं, एक और यूजर ने आशंका जताई, "उम्मीद है कि अंग्रेज इसे चुरा नहीं लेंगे."
RDC 🇨🇩 : Découverte de gigantesques réserves de cuivre après l'effondrement d'une montagne au Katanga 🪨🔍.
— Benjamin Umba (@benjimk) November 16, 2024
Le Congo est riche ! 💎⚙️ pic.twitter.com/zPchl1VHP2
कांगो के प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग जरूरी
कांगो के खनिज संसाधन देश की आर्थिक स्थिति को सशक्त कर सकते हैं, लेकिन इनके सही उपयोग के लिए एक मजबूत नीति की आवश्यकता है. तांबे और कोबाल्ट के खनन से प्राप्त मुनाफे का उपयोग कांगो के नागरिकों के लाभ के लिए मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, सार्वभौमिक शिक्षा और बेहतर आवास सुविधाओं के लिए किया जाना चाहिए.
कांगो में प्रमुख खनिज है तांबा
दरअसल, कांगो का कटंगा क्षेत्र, जो अफ्रीका के तांबे के बेल्ट में स्थित है. यह एक समृद्ध खनिज क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यह बेल्ट 450 किमी क्षेत्र में फैला है, जो जाम्बिया से लेकर कांगो तक जाता है. इस क्षेत्र में तांबे का खनन एक सदी से भी अधिक समय से हो रहा है और 1950 के दशक में यह दुनिया का सबसे बड़ा तांबा उत्पादक क्षेत्र था. वर्तमान में, यह क्षेत्र वैश्विक तांबा भंडार का 10% से अधिक योगदान करता है, जो मुख्यतः प्रीकैम्ब्रियन तलछटी जमा से प्राप्त होता है.
स्वच्छ ऊर्जा के लिए तांबे और कोबाल्ट का महत्व
जैसे-जैसे दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ रही है, तांबे और कोबाल्ट जैसी धातुओं की मांग में भी वृद्धि हो रही है. इन धातुओं का उपयोग बैटरियों में किया जाता है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए जरूरी हैं. हालांकि, एमनेस्टी इंटरनेशनल का मानना है कि इस ऊर्जा संक्रमण के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. "स्वच्छ ऊर्जा के लिए जरूरी बैटरियाँ मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकतीं," रिपोर्ट में कहा गया है.
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खनन उद्योग और मानवाधिकार संकट
हालांकि, क्षेत्र में खनन गतिविधियां कई समस्याओं को भी बढ़ा रही है. 12 सितंबर 2023 को एमनेस्टी इंटरनेशनल की जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि कांगो में कोबाल्ट और तांबे के खनन से जबरन बेदखली, मानवाधिकारों का उल्लंघन और यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं हो रही हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव, एग्नेस कैलमार्ड ने कहा था कि खनन कंपनियां जब औद्योगिक पैमाने पर खनन परियोजनाएं चलाती हैं, तो इसके कारण स्थानीय लोगों की ज़िन्दगी पर बुरा असर पड़ता है. यह अब रुकना चाहिए.
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कांगो का कटंगा क्षेत्र समृद्ध खनिज संसाधनों से भरा हुआ है, लेकिन इन संसाधनों का दोहन स्थानीय लोगों के हक में होना चाहिए. खनन गतिविधियों को सही तरीके से संचालित किया जाए, ताकि न केवल आर्थिक लाभ हो, बल्कि मानवाधिकारों का भी उल्लंघन न हो.
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